मजदूर हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी बर्दाश्त
भेल बचाओ संयुक्त मोर्चा ने वेज रिवीजन वार्ता में विलंब और अन्य लंबित मांगों को लेकर भेल के हीप मेनगेट पर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने केंद्रीय महासंघों के नेताओं और भेल प्रबंधिका के विरुद्ध नारेबाजी कर मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। कहा कि मजदूर हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चेताया कि यदि प्रबंधिका ने शीघ्र वेज रिवीजन वार्ता आयोजित नहीं की तो उग्र आन्दोलन शुरू कर दिया जाएगा।
पूर्व विधायक रामयश सिंह ने कहा कि केंद्रीय नेताओं और भेल प्रबंधिका पांच वर्ष से बनी कमेटियां वैल्डिंग एलाउंस, पदनाम परिवर्तन, पे एनामली और संविदा श्रमिक कमेटी का कोई निर्णय नहीं कर पाई हैं। वेज रिवीजन वार्ता के लिए केंद्र सरकार ने गाइड लाइन दिसंबर 2017 जारी कर दी थी। केंद्रीय नेताओं द्वारा समय न देने के कारण मजदूरों की वेज रिवीजन वार्ता प्रारंभ नहीं हो पाई है, जिसका खामियाजा कर्मचारियों को आर्थिक हानि के रूप में झेलना पड़ रहा है।
कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करने का लगाया आरोप
करण सिंह नायक ने कहा कि भेल प्रबंधिका और केंद्रीय नेताओं की सांठगांठ के चलते वेज रिवीजन वार्ता प्रारंभ नहीं हो सकी है, जबकि अन्य पब्लिक सेक्टरों में वेज रिवीजन होने के बाद कर्मचारियों को रिवाइज वेतन मिलना शुरू हो चुका है। विकास सिंह ने कहा कि यदि भेल प्रबंधिका ने अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया तो उग्र आन्दोलन शुरू कर दिया जाएगा। अमित गोगना और संदीप चैधरी ने प्रबंधिका पर कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
प्रदर्शन में विभिन्न श्रमिक यूनियनों में अर्जुन सिंह, रामकुमार, मेहर सिंह, मोहित, मनमोहन, अशोक चैधरी, नीशू कुमार, राजकिशोर, नागेश पटेल, अरविंद, सादा बैठा, बीजी शुक्ला, सत्येंद्र प्रताप सिंह, दिवस श्रीवास्तव, अशोक कुमार सिंह, रवि कश्यप, राकेश मालवीय, वीरेंद्र सिंह भदौरिया, बलवीर सिंह रावत, नवीन कुमार, अरविंद कुमार, सुरेंद्र, चंदन देव, अमित पांडेय, कामता प्रसाद, कमलेश राय, ऋषि कुमार, सुनील आस्तिक, ज्ञान प्रकाश, अनीस सिंह, मनीष सिंह, संतोष साहू, पूरण सिंह रावत, राजवीर आदि शामिल रहे।