मुख्यमंत्री सोरेन के काफिले पर हमले के विरोध में कांग्रेस ने जन आक्रोश रैली का किया आयोजन | Nation One
केंद्रीय कृषि कानूनों और मुख्मंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले के विरोध में नामुकुम स्थित हाईटेंशन मैदान में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया है। इस महारैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, खिजरी विधायक राजेश कच्छप सहित कई नेता उपस्थित थे।
मौके पर विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि भाजपा पूरे देश को कुर्पोरेट के हाथों बेचने का काम कर रही है। लोकतंत्र को खत्म करने की एक साजिश हो रहा है। भाजपा आने वाले समय में देश को गुलामी की और ले जा रहीं है। हमलोगों को इससे सावधान रहना होगा और इसका मुकाबला करना होगा। कांग्रेस कृषि कानून का प्रराम्भ्काल से विरोध कर रही है और जबतक यह कानून वापस नहीं हो जाता है, कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देबे, लेकिन कोना नीं देबे, अर्थात घर आने वाले अतिथियों को भोजन-पानी देकर उनका स्वागत जरूर करें, परंतु जमीन न दें। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के लिए जमीन उसकी अस्मिता और पहचान का प्रतीक है, जमीन छीन जाएगा, तो सबकुछ खत्म हो जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने एक बार फिर दोहराया कि वे खुद भी अपने आप को बिहारी मानते है, लंबे समय तक बिहार राज्य के निवासी के रूप में उनकी पहचान रही, वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य का गठन हुआ। उत्तर प्रदेश हो या तमिलनाडु हो अथवा किसी अन्य राज्य से लोग आये, सभी का झारखंड में स्वागत है, लेकिन आदिवासियों की जमीन की लूट की छूट नहीं दी जा सकती।
डॉ. उरांव ने कहा कि 1912 में बंगाल से बिहार अलग हुआ, जबकि 1932 में ओड़िशा अलग हुआ और अंग्रेजी शासन में झारखंड को भी 1946 तक अलग राज्य बनाने का वायदा किया गया था, परंतु इस बीच द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो जाने के कारण अलग झारखंड राज्य नहीं बन पाया, जयपाल सिंह मुण्डा के संघर्ष और बाद में दिशोम गुरू शिबू सोरेन, शहीद निर्मला महतो समेत अन्य ने अपनी कुर्बानी देकर अलग झारखंड राज्य का गठन कराया।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह से एक षड़यंत्र के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को पिछले दिनों रांची में रोकने की कोशिश की गई और सुरक्षाकर्मियों और आम लोगों पर हमला करने की कोशिश की गई, उससे साफ हो जाता है कि भाजपा नेताओं द्वारा देशभर में गैर भाजपाई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है, मध्यप्रदेश, कर्नाटक समेत कई राज्यों में जबरन सत्ता हथिया लिया गया, झारखंड में भी कोशिश की गई, लेकिन यह सफल नहीं होने पर सरकार को बदनाम करने की साजिश शुरू की गई।
किसानों के देशव्यापी आंदोलन के बारे में डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी कृषि कानून के खिलाफ आंदेलन जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून से जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा, इसके खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।