सराहनीय पहल: अब उत्तराखंड का हर मंत्री और अधिकारी एक कुपोषित बच्चे को लेंगे गोद…
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक अच्छी पहल की घोषणा की है जो वाकई ही काबिले तारीफ है। आपको बता दे कि सरकार ने कुपोषण से लड़ने के लिए नई तरकीब निकाली है। कुपोषण के खिलाफ जंग में अब सीएम से लेकर प्रशासनिक अमले के अधिकारी तक सभी की सक्रिय भूमिका होगी। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत 3 सितंबर को कुपोषण के खिलाफ अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगे।
सचिवालय के 94 अफसर इस कार्य में…
जानकारी के अनुसार सीएम रावत समेत प्रदेश सरकार के सभी मंत्री और अधिकारी एक-एक कुपोषित बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी उठाएंगे। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने सचिवालय के 94 अफसरों को इस कार्य में लगाया है।
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3 सितंबर से व्यापक अभियान शुरू…
सीएम रावत ने कहा कि कुपोषण का शिकार हुए शेष बच्चों के लिए लगातार पुष्टाहार भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सही जानकारी के अभाव में बच्चों को पुष्टाहार नहीं दिया जाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को इसे लेकर जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार की जरूरत है, इसके लिए 3 सितंबर से व्यापक अभियान शुरू किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की जांच कर उन्हें भी पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब एनीमिक गर्भवती महिलाओं को लेकर विस्तृत योजना बनाई जाएगी।
एक महीने तक प्रदेश में चलेगा अभियान…
वहीं महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की सचिव सौजन्या ने कहा कि प्रदेश में 1600 अतिकुपोषित बच्चे हैं। कुपोषण का शिकार हुए बच्चों का कुल आंकड़ा 17000 है। उन्होंने कहा कि अतिकुपोषित बच्चे इस दायरे से बाहर निकल सकें। इसके लिए इन बच्चों को मंत्री, विधायकों और अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाने की योजना बनाई गई है। सौजन्या के अनुसार यह अभियान पूरे प्रदेश में एक महीने तक चलेगा।
'मा. प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की प्रेरणा से कुपोषण के खिलाफ महाअभियान'
पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर, विधायक, मंत्री तक राज्य के कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें कुपोषण मुक्त करने का बीड़ा उठा रहे हैं। हमारा एक ही लक्ष्य है, कुपोषण को जड़ से ख़त्म करना। pic.twitter.com/eWUQeGaLdh— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) September 3, 2019