सीएम योगी ने दिए निर्देश, लखनऊ में दूषित जल मामले में जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाए | Nation One
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर मजबूत बनाकर रखा जाए। संक्रमण तेजी से कम हो रहा है किन्तु यह अभी समाप्त नहीं हुआ है। यह अतिरिक्त सतर्कता एवं सावधानी बरतने का समय है। उन्होंने कोविट प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुछ जनपदों में सीवर से जुड़े कार्यों में कुप्रबंधन की स्थिति देखने को मिली है। कहीं सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़क निर्माण, मरम्मत नहीं किया गया तो कहीं पीने के पानी में सीवर का गंदा पानी आने की शिकायत है।
लखनऊ में ऐसा ही प्रकरण देखने में आया है। दूषित जल के कारण लोगों के बीमार होने की जानकारी मिली है। ऐसे सभी प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए न केवल समस्या निस्तारित कराई जाए बल्कि जवाबदेही तय करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। नगर विकास विभाग द्वारा इस संबंध में तत्काल कार्यवाही कराई जाए।
सीएम योगी लोक भवन में कोविड 19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अलीगढ़, अमेठी, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, गोण्डा, हाथरस, कासगंज, पीलीभीत, सहारनपुर, शामली तथा सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कोविड वैक्सीनेशन कार्य को पूरी सक्रियता से जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संक्रमण को नियंत्रित करने में कोविड वैक्सीनेशन एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है।
उन्होंने कहा कि पहली रोज ले चुके सभी लोग समय पर दूसरी डोज भी अवश्य लें। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए। सीएम को बताया गया कि महराजगंज में दहाई अंकों में कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। यहां 10 नए संक्रमित पाए गए हैं। सभी संक्रमित एक ही क्षेत्र के हैं। यह क्षेत्र गोरखपुर महराजगंज की सीमा से लगा है।
उन्होंने निर्देश दिये कि सभी संक्रमित मरीजों के सैम्पल कलेक्ट कर केजीएमयूए लखनऊ में जीनोम टेस्टिंग करायी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड में रहे। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ तथा अतिवृष्टि की स्थिति पर नजर रखी जाए तथा नदियों के जल स्तर की सतत मॉनिटरिंग की जाए। बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध कराते हुए उनकी हर साल मदद की जाए। सभी प्रभावित जनपदों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित आपदा प्रबन्धन की सभी टीमें निरन्तर सक्रिय रहें।