सीएम ने नगर निकाय चुनाव के लिए बिछाई नई सियासी बिसात
थराली उपचुनाव के नतीजे से सबक लेकर और नगर निकाय चुनाव के लिए नई सियासी बिसात बिछाते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों के पत्ते फेंट दिए हैं। खासतौर पर कांग्रेसी पृष्ठभूमि के मंत्रियों के कद का ख्याल तो बदस्तूर रखा गया है, लेकिन जिम्मेदारी में कटौती कर दी। हैसियत के मामले में मंत्रिमंडल में नंबर-दो स्थान पर माने जाने वाले वरिष्ठ काबीना मंत्री सतपाल महाराज और दूसरे वरिष्ठ मंत्री यशपाल आर्य को दो-दो जिलों के बजाय अब सिर्फ एक-एक जिले का प्रभार सौंपा गया है।
वहीं राज्यमंत्री रेखा आर्य को चंपावत जिले के भाजपा विधायकों से तालमेल न बिठा पाना भारी पड़ा तो चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में दबंग मंत्री अरविंद पांडेय को प्रभार दिया गया। राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत को थराली में की गई मेहनत का ईनाम दो जिलों के प्रभार के रूप में हासिल हुआ है। दो-दो जिलों का प्रभार अब सिर्फ भाजपा पृष्ठभूमि के मंत्री ही संभाल रहे हैं।
भाजपा हाईकमान मंत्रियों की परफॉरमेंस तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने सहयोगियों की सियासी कुव्वत पर भी पैनी निगाह रखे हुए हैं। थराली उपचुनाव में जिसतरह सरकार को अपनी साख बचाने के लिए ताकत झोंकनी पड़ी, इससे खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में भाजपा के लिए बढ़ती परेशानी को साफतौर पर महसूस किया जाने लगा है। इससे सबक लेकर सरकार अब नगर निकाय चुनाव में हालात को संभाले रखने पर जोर दे रही है।
सभी प्रभारी मंत्रियों की बदली जिम्मेदारी
भाजपा हो या कांग्रेस की पृष्ठभूमि, जिलों में सभी प्रभारी मंत्रियों की जिम्मेदारी बदलकर सरकार ने नई रणनीति के हिसाब से तैनाती की है। चमोली जिले की थराली सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल करने को सरकार और सत्तारूढ़ दल को जिसतरह मशक्कत करनी पड़ी, उसे देखते हुए हरिद्वार और चमोली जिले के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज को अब सिर्फ हरिद्वार जिले तक ही सीमित किया गया है।
वहीं चमोली जिले के नजदीकी रुद्रप्रयाग और पौड़ी के प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य को अब दोनों पर्वतीय जिलों के बजाय अपेक्षाकृत बड़े जिले देहरादून जिले का एकल प्रभार दिया गया है। उक्त दोनों मंत्री कांग्रेस की पृष्ठभूमि के हैं। इस बदलाव को थराली उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।