डोकलाम की घटना को ज्यादा तूल दे रहा चीनः बंबावले
डोकलाम समेत अन्य संवेदनशील सीमावर्ती स्थलों पर बीजिंग स्थित भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कड़े लहजे में कहा कि बीजिंग ने डोकलाम की घटना को जरूरत से ज्यादा तूल दे दी। भारतीय राजदूत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का मुद्दा भी उठाया। दो टूक कहा, श्सीपीईसी भारतीय क्षेत्र से होकर गुजरता है। इसलिए यह हमारी क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है। यह हमारे लिए बड़ी समस्या है। दोनों देशों को इस पर खुलकर बातचीत करनी चाहिए। इसका हल निकालना चाहिए।
चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ को दिए साक्षात्कार में बंबावले ने उपरोक्त टिप्पणी की। उन्होंने भारत और चीन के बीच बढ़ते व्यापार घाटे का मुद्दा भी उठाया। कहा, ‘हम 20 वर्षो से मांग रहे है कि चीन हमारे आइटी एवं दवा क्षेत्र के लिए अपना बाजार खोले। आखिरकार चीन ऐसा कर क्यों नहीं रहा है? हमें इस पर स्पष्ट बातचीत करनी चाहिए।
विवादित मुद्दों का हल तलाशने के लिए खुले दिल से करें बातचीत
उनके अनुसार, डोकलाम की घटना के बाद भारत और चीन दोनों के लिए यह जरूरी है कि वे विवादित मुद्दों का हल तलाशने के लिए खुले दिल से बातचीत करें। पहले से ज्यादा बातचीत का सिलसिला बढ़ाएं। बकौल बंबावले, श्डोकलाम की घटना को चीन ने जरूरत से ज्यादा तूल दे दी। भारत और चीन की जनता व नेता इतने अधिक अनुभवी हैं कि द्विपक्षीय रिश्तों की राह में आने वाली इस तरह की क्षणिक कठिनाइयों का हल आसानी से निकाल लेंगे।श्
वह बोले, हमें एक-दूसरे की चिंताओं का ख्याल रखना होगा। द्विपक्षीय वार्ता बराबरी और आपसी लाभ पर आधारित होनी चाहिए। भविष्य में भी चीन की ओर से डोकलाम में सड़क बनाने की आशंका को बंबावले ने बखूबी जाहिर की। बीजिंग को आगाह करते हुए भारतीय राजदूत का कहना था कि सीमा स्थित संवेदनशील जगहों पर यथास्थिति बदलने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। बार्डर पर यथास्थिति बहाल रखना बेहद जरूरी है। इस पर दोनों देशों का स्पष्ट नजरिया होना चाहिए।