उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए विपक्ष पर हमला बोला है। गोरखपुर में आयोजित एक सेमिनार में उन्होंने कहा कि उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ और दादा गुरु महंथ दिग्विजयनाथ की इच्छा थी की अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण हो। अब उनका सपना पूरा हो रहा है। जब अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के कार्य का शुभआरंभ किया जाता है तो यह एक नए युग का शुभआरंभ भी है।
योगी ने कहा कि कोई भी समाज हो अगर वो अपने परंपरा और अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा नहीं रख सकता तो उसका कोई भविष्य नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2020 का दिन अपने पूर्वजों, रामभक्तों और बलिदानियों के प्रति कृतज्ञता जताने वाला दिन था।
उन्होंने आगे कहा कि दो धाराएं चलती हैं, जिनमें एक में सकारात्मक सोच होती है, जिसमें लोक कल्याण है वो राम की धारा है। जहां पर सबका साथ सबका विकास का भाव है। यही तो रामराज की अवधारणा है। लोककल्याण का भाव है, स्वार्थ नहीं परमार्थ का भाव है।
इस कार्य का शुभारम्भ 26 मई 2014 को ही हो जाता, जब इस देश में मोदी जी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ था। सरकार ने अपने कार्यक्रर्मों को भी उसी भाव के साथ रखा, जिसमें न जाति थी न क्षेत्र न भाषा न मत न मजहब। आजादी के बाद जो राजनीति चल रही थी वो सत्ता केंद्रित और जाति पर आधारित थी।
सीएम योगी ने कहा कि उस वक्त क्षेत्र और भाषा के आधार पर निर्णय हो रहे थे। मत और मजहब के आधार पर देश की व्यवस्था को परिवर्तित करने की प्रवृति सी बन गयी थी। लेकिन, साल 2014 के बाद सबका साथ और सबका विकास का भाव देखने को मिला। लोककल्याण का भाव था।
सेमिनार को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि 5 अगस्त 2020 को भी लोककल्याण का भाव देखने को मिला। दूसरी ताकतें नकारात्मक हैं, जिनको हर अच्छे कार्य में बुरा ही दिखता है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगर गरीब को मकान मिल गया तो उन्हें बुरा लग रहा है। वह अपने कालखंड में गरीबों के लिए कुछ न कर पाये, लेकिन अगर कोई सरकार उनके लिए काम कर रही तो उन्हें अच्छा नहीं लगता है। यही नकारात्मक सोच है, यही रावणी सोच है जो केवल स्वार्थ की बात करता है। सीएम ने कहा कि मैं और मेरे से बाहर नहीं जा सकता है। यही एक व्यापक परिवर्तन आज देश के अन्दर आया है।