मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सपना रामपुरम में हो रहा साकार, पढ़ें पूरी खबर | Nation One
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सपना रामपुरम ग्राम पंचायत के गीदम नाला स्थित गोठान में साकार हो रहा है। 7 नवम्बर 2019 को सुकमा जिले के प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था, कि गोठानों का निर्माण आंवारा पशुओं से किसानों की फसलों को बचाना था।
उन्होंने यहां पशुओं के मल-मूत्र से नाडेप और वर्मी कम्पोस्ट बनाते हुए देखकर प्रशंसा की थी और कहा था कि अब इन गोठानों को गांव के आजीविकामूलक गतिविधियों का केन्द्र बनाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करने की दिशा में यह गोठान काफी आगे बढ़ चुका है और यहां नाडेप व वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के साथ ही पेवर ब्लाॅक और ट्री गार्ड का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है, वहीं मुर्गीपालन के लिए शेड और मछलीपालन के लिए टैंक का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं अब अपने रोजमर्रा के कामकाज के साथ ही इस गोठान में रोजगार के साधनों से जुड़कर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है। यह समूह गोठान में जैविक खाद, ट्री-गार्ड, पेवर ब्लाक एवं मुर्गी पालन के साथ ही मछलीपालन के साथ ही अन्य कार्यों के लिए रूचि दिखा रहीं है।
सुकमा विकासखण्ड के रामपुरम गौठान में दुर्गा स्व-सहायता समूह के 10 सदस्यों के द्वारा जैविक खाद के निर्माण के साथ ही यहां आजीविकामूलक गतिविधियों की शुरुआत हुई। इन महिलाओं ने यहां अब तक 65 हजार रुपए से अधिक का वर्मी और नाडेप खाद तैयार किया है, जिसमें लगभग तीस हजार रुपए का खाद वन एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा उठाव किया जा चुका है।
गुलाब स्व-सहायता समूह की 10 सदस्यों ने पेवर ब्लाक की ईकाई प्रारम्भ की है। इसके लिए इन महिलाओं ने डेढ़ लाख रुपए की राशि एकत्रित की, वहीं तीन लाख रुपए का प्रबंध राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किया गया।
इन महिलाओं ने इस राशि से मिक्सर मशीन, वाईब्रेशन मशीन और कलरिंग मशीन क्रय करने के साथ ही कार्य प्रारंभ कर दिया है। ये महिलाएं प्रतिदिन लगभग एक हजार पेवर ब्लाॅक तैयार कर रही हैं, जिससे इन्हें रोजाना लगभग ढाई हजार रुपए की बचत हो जाती है।
आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों की ये महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद नियमित बैठक एवं बचत करके एक कुशल स्व-सहायता समूह का परिचय दिया है और अन्य महिलाओं को भी समुह से जुड़कर रोजगार के साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
इसी प्रकार शंकर स्व-सहायता समूह के द्वारा यहां ट्री-गार्ड का निर्माण किया जा रहा है। समूह में 10 सदस्य शामिल हैं जो प्रतिदिन यहां ट्री गार्ड का निर्माण कर रही हंै। वन विभाग द्वारा प्रति ट्री गार्ड 350 रुपए की दर पर खरीदा जा रहा है।
कार्य को आसान बनाने के लिए वन विभाग ने बांस चीरने की मशीन भी स्वसहायता समूह को उपलब्ध कराई है। यहां मुर्गी पालन के लिए शेड और मछलीपालन के लिए टैंक का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कुपोषण मुक्ति के लिए स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडे दिए जा रहे हैं। इन अंडों की आपूर्ति के लिए रामपुरम की महिला स्व सहायता समूह द्वारा लेयर फार्मिंग की जाएगी।