भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) के राष्ट्रीय सचिव शमीम फैजी ने कहा कि सरकार ने 1990 के बाद राष्ट्रीय संसाधनों को निजीकरण और उदारीकरण की नीतियों के चलते पूंजीपतियों के हवाले करना शुरू किया था। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद देश के संसाधनों और राष्ट्रीय संपत्ति को बेचने की गति तेजी से बढ़ी है।
ललतारौ पुल स्थित सेवा समिति धर्मशाला में आयोजित सीपीआइ के दो दिवसीय नौवें राज्य सम्मेलन में सभी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टियों में वास्तविक जनवाद है। देश भर में ब्रांच स्तर के सम्मेलन के माध्यम से पार्टी राष्ट्रीय स्तर का चुनाव करती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा गरीबों पर महंगाई लादकर पूंजीपतियों, कॉरपोरेट के हित साधने में लगी है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. गिरीश शर्मा ने कहा कि उप्र से लेकर समूचे देश में मोदी-योगी और भाजपा की तमाम सरकारें विकास, रोजगार, बढ़ती महंगाई से जनता का ध्यान भटकाने के लिए दंगा, सांप्रदायिकता फैला रही है।
देश को गुमराह करने के लिये हो रही जुमलेबाजी
देश को गुमराह करने के लिये आये दिन जुमलेबाजी हो रही है। सरकारी संस्थानों यहां तक कि न्यायपालिका पर भी संघी दबाव से देश में लोकतंत्र पर फासीवादी हमला स्पष्ट हो रहा है। वहीं राज्य सचिव आनंद सिंह राणा ने कहा कि राज्य सम्मेलन में राष्ट्रीय और उत्तराखंड राज्य के राजनैतिक मसलों पर चर्चा की जाएगी। सांगठनिक चुनाव के माध्यम से राज्य कमेटी का चुनाव भी किया जाएगा।
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