गढ़वाल विवि में एक साल से बंद पड़ी है कैंटीन, छात्र कर रहे अनोखा आंदोलन
श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड का एक मात्र केन्द्रीय विवि, गढ़वाल विश्वविद्यालय अपने कई आंदोलनों के लिए हर बार चर्चाओं का विषय बना रहता है, ऐसा ही एक आंदोलन लगभग एक साल से बंद पड़ी गढ़वाल विवि की कैंटीन को खोले जाने के लिए AIDSO संगठन के छात्र-छात्राओं द्वारा चलाया जा रहा है।
आपको बता दें विवि में तीन कैंटीन हैं, दो श्रीनगर (बिड़ला परिसर) में और तीसरी चौरास परिसर में, ये तीनों ही कैंटीन पिछले एक साल से बंद पड़ी हैं। इस संदर्भ में संगठन के छात्र-छात्राओं ने विवि प्रशासन को कई बार अवगत भी कराया लेकिन विवि प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।
ऑल इंडिया डी एस ओ संगठन द्वारा 12 फरवरी को विवि कुलपति, विवि कुलसचिव और अधिष्ठाता छात्र कल्याण को कैंटीन खोले जाने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया जिसमें कहा गया कि जल्द से जल्द विश्वविद्यालय परिसर में कैंटीन खोली जाय ताकि विवि के छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल सके साथ ही कहा गय़ा कि अन्य कॉलेजों में एवं महाविद्यालयों में हर वक्त कैंटीन खुली रहती हैं तो फिर विवि परिसर में मौजूद भव्य कैंटीन को क्यों नहीं खोला जा रहा?
अपनी इस मांग के लिए छात्रों द्वारा 19 फरवरी को बिड़ला कैंपस में डेस्क लगाकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया जिसमें काफी संख्या में छात्र-छात्राओं का समर्थन देखने को मिला।आपको बता दें छात्रों की मांग सिर्फ कैंटीन खोला जाना ही नहीं बल्कि कैंटीन में सब्सिडी युक्त खाना दिया जाना भी है।कैंटीन में सब्सिडी युक्त खाने की मांग कई वर्षों से विवि के अन्य संगठनों द्वारा भी उठाई जा रही है। छात्र-छात्राओं द्वारा HNBGU कैंटीन खोलो अभियान 2020 नाम से फेसबुक पर एक पेज भी बनाया गया है।
छात्र संघ चुनाव के समय कैंटीन में सब्सिडी युक्त खाना दिए जाने जैसी मांग कई संगठनों के घोषणापत्र में मुख्य रूप से रहती है लेकिन सब्सिडी युक्त खाना तो दूर की बात गढ़वाल विवि का हाल ये है कि विवि के मुख्य परिसर श्रीनगर में मौजूद तीनों ही कैंटीन एक साल से बंद पड़ी हैं, कहने को तो ये एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है लेकिन एक केन्द्रीय विवि के मुख्य परिसर में ही कैंटीनों का हाल बड़ा बेहाल है, छात्र-छात्राओं को इससे काफी दिक्कतें होती हैं।
श्रीनगर गढ़वाल से अमन रावत की रिपोर्ट