गरीबों के कैशलेस इलाज पर कैबिनेट ने लगाई मुहर

देश के 50 करोड़ गरीबों को पांच लाख रुपये सालाना कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के मिशन पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लगने के बाद इसके इसी साल लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही पहले चालू राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अगले तीन सालों के लिए बढ़ा दिया है।

पूरे देश में 1.5 करोड़ खोले जाने हैं आरोग्य केंद्र

दरअसल वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में आयुष्मान भारत के तहत दो योजनाओं की घोषणा की थी। इसके तहत पूरे देश में 1.5 करोड़ आरोग्य केंद्र खोले जाने हैं, ताकि लोगों को उनके घर के नजदीक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। लेकिन इसके तहत सबसे महत्वाकांक्षी योजना देश के 10 करोड़ परिवारों को हर साल पांच लाख रुपये तक का मुफ्त और कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे गरीब परिवारों को भी मंहगे अस्पतालों में इलाज का रास्ता साफ हो सकेगा।

नीति आयोग के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, हर साल लगभग 5-6 करोड़ लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के कारण गरीबी रेखा के नीचे चले जाते हैं। यह मिशन उन परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। कैबिनेट की मुहर भले ही बुधवार को लगी है, लेकिन सरकार ने इस मिशन की तैयारियां बजट की घोषणा के साथ ही शुरू कर दी है। इसके तहत विभिन्न बीमारियों, उनके टेस्ट, दवाइयों पर खर्च और डाक्टरों व अस्पतालों की फीस के आधार पर 1300 पैकेज का खाका तैयार किया जा चुका है। इसके साथ ही बीमा कंपनियों को इस पैकेज के आधार पर अपना प्रस्ताव तैयार कर सरकार के सामने रखने को भी कह दिया गया है।

सरकार का अनुमान है कि पांच लाख रूपये का कैशलेस इलाज के लिए प्रति परिवार 1000-1200 रुपये का सालाना खर्च आएगा। लेकिन प्रीमियम की असली लागत का पता स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के प्रस्ताव आने के बाद ही लग पाएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *