बजट को सीएम ने बताया, नये उत्तराखंड का उदय
देहरादून
उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने विधानसभा में वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया। पंत ने 39957 करोड़ का बजट पेश किया। यह राज्य का पहला पेपर लेस बजट है। सत्ता पक्ष ने इस बजट को नये उत्तराखंड के उदय का ध्वजवाहक करार दिया है, वहीं विपक्ष का कहना है कि भाजपा सरकार के बजट ने आम आदमी को निराश किया है। सरकार ने बजट में गरीब, मजदूर, किसान और युवा वर्ग के कल्याण के लिए कोई भी ऐसी व्यवस्था नहीं की है, जिससे रोजगार मिलने की बात कही जा सके।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बजट के लिए वित्तमंत्री प्रकाश पंत को बधाई देते हुए इसे एक नये उत्तराखंड के उदय का ध्वज वाहक बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट के माध्यम से सरकार ने टास्क उत्तराखंड (टी यानि टूरिज्म एवं एलाइड सेक्टर डेवलपमेंट, ए यानि एग्रीकल्चर एवं एलाइड सैक्टर डेवलपमेंट, एस यानि स्किल डेवलपमेंट यानि नॉलेज बेस्ड सोसाइटी की स्थापना) को अपने हाथ में लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में किसी भी प्रकार के नये टैक्स का प्रावधान नहीं किया गया है। इसमें गरीबों, किसानों, युवाओं, महिलाओं और पूर्व सैनिकों का ख्याल रखा गया है। इस तरह के सन्तुलित बजट से एक नये उत्तराखण्ड का उदय होगा। यह सबका साथ सबका विकास के भाव को ताकत प्रदान करने वाला बजट है। बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। राजकोषीय घाटा एफआरबीएम एक्ट की निर्धारित सीमा के अन्तर्गत रखा गया है।
उन्होंने बजट में पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने, कृषि, औद्यानिकी, पर्यटन के माध्यम से लोगों की आजीविका में वृद्धि करने का एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में आधुनिक कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना और स्किल इंडिया मिशन को बढ़ावा देने का सराहनीय कार्य किया गया है। महिलाओं के कल्याण के लिए पंडित दीनदयाल समाजिक सुरक्षा कोष की स्थापना स्वागतयोग्य है। उत्तराखंड किसान आयोग के माध्यम से खेती और किसानी को एक नई ताकत मिलेगी, साथ ही सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने वित्तमंत्री और उनकी पूरी टीम को विकास के नये आयाम स्थापित करने वाले इस बजट के लिए बधाई दी है।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा सरकार के बजट ने आम आदमी को निराश किया है। बजट में रोजगार के अवसरों के सृजन की व्यवस्था की जानी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के संबंध में बजट में कोई भी व्यवस्था नहीं करके युवा वर्ग की भावनाओं से खेला है। राज्य के सामने सबसे बड़ी गम्भीर समस्या पलायन रोकने की है, सरकार ने पलायन रोकने के संबंध में बजट में कोई भी ठोस प्रयास नहीं किए। इस बजट से बेरोजगारी की समस्या और महंगाई भी बढ़ेगी। सरकार ने महंगाई रोकने की दिशा में भी कोई गम्भीर उपाय नहीं किए हैं। किसानों की घोर उपेक्षा की गई है। सरकार ने वादा किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान 15 दिन में कर दिया जाएगा, लेकिन बजट में गन्ना किसानों के संबंध में कोई भी घोषणा नहीं करके प्रदेश के लाखों किसानों को निराश किया है।