लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने गुरुवार को फिर बड़ा एक्शन लिया है. पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्होंने सात विधायकों को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही इन सभी की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की कार्यवाही भी की जा रही है.
राज्यसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर अपना नाम वापस लेने वाले विधायक बसपा सुप्रीमो के निशाने पर थे. इनमें से कुछ तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने उनकी पार्टी के कार्यालय भी गए थे. इन सभी के खिलाफ बसपा मुखिया मायावती ने कार्यवाही की है.
बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के सात विधायकों को बागी मानते हुए निलंबित कर दिया है. अब इनकी विधानसभा सदस्यता भी खारिज करने की कार्यवाही होगी। राज्यसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर करने वाले श्रावस्ती के भिनगा के विधायक असलम राइनी, हापुड़ के ढोलना से विधायक असलम अली, प्रयागराज के प्रतापपुर से विधायक मुजतबा सिद्दीकी तथा प्रयागराज के हंडिया से विधायक हाकिम लाल बिंद को पहले निलंबित किया गया.
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इसके बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट करने वाले सीतापुर के सिधौली से विधायक हरगोविंद भार्गव, प्रतापगढ़ के मुंगरा बादशाहपुर से विधायक सुषमा पटेल तथा आजमगढ़ के सगड़ी से विधायक वंदना सिंह को गुरुवार को निलंबित किया गया.
राज्यसभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले चार विधायकों से मायावती बेहद नाराज थीं. अब वह सातों बागी विधायकों की विधानसभा से सदस्यता को समाप्त कराएगी. पार्टी इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपील करेगी. पाटी से बगावत करने वाले चारों विधायकों ने राज्यसभा प्रत्याशी का प्रस्तावक बनने के बाद उससे अपने नाम वापसी का लिखित आवेदन करते हुए अपने फर्जी हस्ताक्षर करने की बात निर्वाचन अधिकारी से कही है. बगावत करने वाले सातों विधायकों ने पार्टी के को-आर्डिनेटरों की कार्यशैली पर सवाल उठाकर पार्टी की आंतरिक संगठनात्मक खामियों को भी उजागर किया है.