देहरादूनः उत्तराखंड में सरकार और संगठन के बीच इन दिनों सियासत गर्म होती जा रही है। गैरसैण में विधानसभा सत्र कराए जाने को लेकर इन दिनों मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट में बयानबाजी हो रही थी। जिसके चलते अब यह मामला केंद्र तक पहुंच गया है। अब दोनों नेताओं के बीच हुए इस मामले को दिल्ली दरबार में तलब किया गया है। बता दें कि बीते कुछ दिनों से सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अजय भट्ट के बीच गैरसैंण में विधानसभा सत्र को लेकर जमकर बयानबाजी हुई थी। दोनों की इस बयानबाजी को लेकर विपक्ष ने भी जमकर चुटकी ली।
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गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधानसभा सत्र को लेकर यह विवाद प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के उस बयान से शुरू हुआ। जिसमे उन्होने कहा था कि संपूर्ण अवस्थापना जुटाए जाने के बाद ही गैरसैंण में सत्र कराया जाना चाहिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के इस बयान पर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। जिसके चलते सीएम ने कहा कि सत्र कहां कराना है ये सरकार का काम है तो सियासी हलकों में इसे अजय भट्ट के बयान की काट के तौर पर देखा गया। सीएम के इस बयान पर भट्ट की भी उसी सधे अंदाज में प्रतिक्रिया आई, ‘सरकार को यह भी ध्यान में रखना है कि सरकार भाजपा की है। पार्टी को भी जवाब देना होता है।’ भट्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वे अपने पूर्व में दिए गए बयान पर कायम है।