किंग खान को बड़ा झटका, BYJUS ने शाहरुख खान के सभी विज्ञापनों पर लगाई रोक | Nation One
ड्रग्स केस में फंसे आर्यन खान के केस का बुरा असर अब उनके पिता शाहरुख खान के प्रोफेशन पर पड़ने लगा है। लर्निंग ऐप BYJU’S ने बॉलीवुड एक्टर के सभी विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं शाहरुख के प्री-बुकिंग ऐड की रिलीजिंग भी नहीं की जा रही है।
शाहरुख की स्पॉन्सरशिप डील्स में बायजूस सबसे बड़ा ब्रांड था। इस ब्रांड को एंडोर्स करने के बदले शाहरुख को सालाना 3 से 4 करोड़ रुपए मिलते थे। वे 2017 से कंपनी के ब्रांड एंबेसडर हैं। इसके अलावा उनके पास ICICI बैंक, रिलायंस जियो, एलजी, दुबई टूरिज्म, हुंडई जैसी करीब 40 कंपनियों का एंडोर्समेंट है।
कंपनी को क्यों लेना पड़ा फैसला आर्यन की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर शाहरुख की ट्रोलिंग शुरू हो गई थी। लोगों ने ब्रांड्स को भी टारगेट करना शुरू कर दिया था, जिनका विज्ञापन शाहरुख करते हैं।
सोशल मीडिया पर लोग BYJU’S से सवाल पूछ रहे थे कि कंपनी शाहरुख को ब्रांड एंबेसडर बनाकर क्या संदेश दे रही है? क्या एक्टर अपने बेटे को यही सब सिखाते हैं।
Paytm के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप BYJU’S बायजू रविंद्रन का एडुटेक स्टार्टअप बायजूस डेकाकॉर्न क्लब में शामिल है। 10 अरब डॉलर का वैल्यूएशन हासिल करने वाले स्टॉर्टअप को डेकाकॉर्न कहा जाता है। स्टार्टअप के लिए यह बहुत ही सम्मानजनक उपलब्धि मानी जाती है।
सिलिकॉन वैली की निवेशक और एनालिस्ट मैरी मीकर्स की इनवेस्टमेंट कंपनी बांड कैपिटल ने बायजूस में 10.5 अरब डॉलर के वैल्यूशन पर निवेश किया था। 10.5 अरब डॉलर 79,409 करोड़ रुपए के बराबर होता है।
बायजूस का नया वैल्यूएशन जनवरी में हासिल 8 अरब डॉलर वैल्यूएशन के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा था। इसके साथ ही बायजूस ने 10 अरब डॉलर वैल्यूएशन वाली हॉस्पिटलिटी कंपनी ओयो को पीछे छोड़ दिया था। बायजूस अब देश में पेटीएम के बाद दूसरा सबसे मूल्यवान स्टार्टअप है। पेटीएम का वैल्यू 16 अरब डॉलर (करीब 1.21 लाख करोड़ रुपए) है।
कोचिंग क्लास से शुरू हुआ BYJU’S का सफर 39 वर्षीय रविंद्रन ने 2007 में कैट की तैयारी कराने के लिए कोचिंग क्लास शुरू की थी। 2009 में उनके कई छात्र उनके साथ हो गए थे।
2011 में उन्होंने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड नाम के साथ अपनी कंपनी रजिस्टर्ड की। 2015 में एप लांच करने के बा कंपनी को बड़ी सफलता मिली। इसके बाद दुनियाभर के प्रतिष्ठित निवेशकों ने कंपनी में पैसे लगाए। 2018 में उनकी कंपनी का वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर हो चुका था।