
भैया दूज 2019: तो इस वजह से मनाया जाता है भाई दूज, जानिए पौराणिक कथा एवं मुहूर्त…
भाई बहन का रिश्ता इस दुनिया में सबसे पावन और मजबूत रिश्तों में से है। वहीं दीपावली के पांच दिवसीय दीपोत्सव के पांचवे दिन आज देशभर में भाई दूज का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। भाई-बहनों के बीच टीका लगाकर उनकी सुख समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती है। वहीं भाई शगुन के रूप में बहन को उपहार भेंट करता है। भाई दूज के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन भी होता है।
टीके का शुभ मुहूर्त…
- द्वितीया तिथि मंगलवार सुबह 6:13 बजे से बुधवार सुबह 3: 48 बजे तक
- पूजन मुहूर्त मंगलवार दोपहर 1:11 बजे से दोपहर 3: 25 बजे तक
भाईदूज के पौराणिक कथा…
मान्यता के मुताबिक भैया दूज पर्व भगवान सूर्यदेव और छाया के पुत्र-पुत्री यमराज-यमुना से संबंधित है। यमुना अक्सर अपने भाई यमराज से स्नेहवश निवेदन करती थी कि वे उनके घर आकर भोजन ग्रहण करें। लेकिन यमराज व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को हमेशा टाल देते थे।
बहन का कुछ भी वरदान मांगने को कहा…
कार्तिक माह के शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर भाई यमराज को अचानक खड़ा देखकर बेहद खुश गईं। प्रसन्नचित्त होकर भाई का स्वागत सत्कार कर वह स्नेह से भोजन करवाया। बहन यमुना के प्रेम, समर्पण और स्नेह से प्रसन्न होकर यमदेव ने बहन का कुछ भी वरदान मांगने को कहा।
आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे घर भोजन करने आएं…
तब यमुना ने भाई यमराज से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे घर भोजन करने आएं और इस दिन जो बहन अपने भाई को पूजा के बाद टीका लगाकर भोजन कराए उसे आपका भय न रहे। मान्यता है कि जो भाई इस दिन श्रद्धा से बहन के आतिथ्य को स्वीकार करता है उसे और उसकी बहन को यमदेव का भय भी नहीं रहता।
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