कानपुर : बिकरू कांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे को अगर अपने किसी परिचित की हत्या करनी होती थी तो वह शोले फिल्म में गब्बर सिंह के डायलाग को बोलता था, ‘जो डर गया, समझो मर गया’. इन बातों का खुलासा विकास के साथी और बिकरू कांड के आरोपी गोपाल सैनी ने पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में किया था.
उन्होंने बताया कि, विकास दुबे को फिल्मों का बड़ा शौक था. आठ पुलिस वालों की बेरहमी से हत्या कर फरार होने के बाद वह चर्चा में आया था. पुलिस की गिरफ्त में आए उसके करीबियों ने बताया कि अपने शार्गिदों के साथ वह अक्सर फिल्मी डायलॉगबाजी किया करता था. अर्जुन पंडित, वेलकम, शोले व बाहुबली जैसी फिल्मों के डायलॉग उसे बेहद पसंद थे. फिल्मी किरदारों के नाम पर ही उसके शार्गिद कभी उसे पंडित जी तो कभी बाहुबली बुलाते थे.
विकास दुबे खुद को दबंग कहलाना पसंद करता था. सनी देओल की फिल्म अर्जुन पंडित देखने के बाद उसने अपना नाम पंडित जी रख लिया. वेलकम फिल्म में नाना पाटेकर का शेट्टी वाला किरदार भी उसे पसंद था. विकास के शार्गिद प्रभात मिश्रा, अतुल दुबे, शशिकांत पांडे उर्फ सोनू, प्रेम कुमार उर्फ राजाराम और मामा हीरू दुबे, रामसिंह और जिलेदार असलहों के साथ उसके चारों ओर खड़े होते थे.
फिर वेलकम फिल्म में शेट्टी जैसे अपने नौकर कल्लू से कहता है वैसे ही विकास अपने नौकर दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू से पुछवाता था कि आपके अंगरक्षक आपके लिए क्या कर सकते हैं तो विकास कहता था यह मेरे लिए किसी की भी जान ले सकते हैं और जान दे भी सकते हैं.
जब विकास को किसी परिचित की हत्या करनी होती थी तो शोले फिल्म के गब्बर का डायलॉग बोलता था कि जो डर गया, वह मर गया. बाहुबली फिल्म आने के बाद विकास के शार्गिद उसे बाहुबली नाम से पुकारने लगे थे. पूछताछ में गोपाल ने बताया कि वह विकास के घर के कार्यक्रम की व्यवस्था देखता था लेकिन, मीटिंग में शामिल नहीं हो पाता था. केवल बातें सुना करता था और पंडितजी के आदेश का पालन करता था.
बिकरू कांड में कई अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश
आपको बता दें, बिकरू कांड की एसआईटी जांच रिपोर्ट में कई बड़े अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश हुई है. इसमें शहर में रह चुके चार आईपीएस (दो एसएसपी) और पीपीएस अफसर के अलावा जिला पूर्ति अधिकारी, तहसीलदार से लेकर पुलिस प्रशासन के कई अफसर शामिल हैं. जय बाजपेई जिन-जिन अफसरों का खास रहा, उनको भी एसआईटी ने दोषी माना है.
चार आईपीएस में वो आईपीएस भी शामिल हैं जो यहां एसपी पश्चिम रहे हैं और वर्तमान में एक जिले के एसएसपी हैं. बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद हड़कंप मच गया है. सूत्रों के मुताबिक जिन चार आईपीएस और चार पीपीएस अफसरों को जांच में शामिल किया गया है, उन सभी की अलग-अलग भूमिका साक्ष्यों के तौर पर पेश की गई है.
एसआईटी ने इसका जिक्र किया है कि आखिर जब विकास पर पांच दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज थे तो उसको टॉप- 10 में शामिल क्यों नहीं किया गया था. जमानत खारिज कराने के लिए पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की. इसमें दो पूर्व एसएसपी को जिम्मेदार बनाया गया है. तत्कालीन क्षेत्राधिकारी और थानेदारों के भी इसमें नाम हैं. इसके अलावा एएसपी औरैया की जांच रिपोर्ट पर जय बाजपेई पर कार्रवाई न करने पर एक अन्य पूर्व एसएसपी की संलिप्तता मानी गई है.