इस वजह से इमरान खान को करना पड़ रहा है आलोचनाओं का सामना, पढ़ें पूरी खबर | Nation One
इमरान खान को अपनी कर्ज मांगने की प्रवृति के लिए भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने तो यहां तक कहा है कि, प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान खान ने अपने धन उगाही के कौशल का अच्छा इस्तेमाल किया है।
विदेश यात्राओं पर तंज कसते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि पीएम का “भीख का कटोरा” कभी खाली नहीं लौटा है। राजनीतिक विश्लेषक शब्बीर चौधरी ने अपने ब्लाग में लिखा है कि, पाकिस्तान हाथ में भीख का कटोरा लेकर एक बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहा है।
देश में लोग मुद्रास्फीति और मूल्य वृद्धि से पीड़ित हैं, हालांकि इमरान खान ने अपने धन उगाहने के कौशल का अच्छा उपयोग किया है। चौधरी ने पीएम पर तंज कसते हुए लिखा कि इस आदमी (इमरान खान) को धन उगाहने का जबरदस्त अनुभव है।
उन्होंने ईधी फाउंडेशन का उदाहरण देते हुए बताया कि इमरान खान की फाउंडेशन के प्रमुख फैसल ईधी से मुलाकात के दौरान वो एक करोड़ रुपये की बड़ी राशि प्राप्त करने में कामयाब रहे थे। जबकि ईधी फाउंडेशन खुद एक कल्याणकारी संगठन है, जो चैरिटी के जरिए फंड जमा करके गरीबों की मदद करते हैं।
चौधरी ने इमरान खान का मजाक उड़ाते हुए कहा, “इससे पता चलता है कि वह एक फंडराइज़र के रूप में कितने अच्छे हैं।” इसके अलावा, इस सप्ताह वह बहुउद्देश्यीय यात्रा के लिए चीन जा रहे हैं।
वह चीन से और पैसे मांगने के अलावा रूस और कजाकिस्तान के राष्ट्रपतियों से भी अनुरोध करेंगे। उनका लक्ष्य चीन से तीन बिलियन अमरीकी डालर, रूस से एक बिलियन अमरीकी डालर और कजाख्स्तान से एक बिलियन अमरीकी डालर जमा करना है।
साथ ही चौधरी ने कहा कि धन उगाहने के अलावा, इमरान खान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के साथ उस पर भरोसा करने के लिए चीनियों को लुभाने की कोशिश करेंगे। जो कि पाकिस्तानी सरकार की रुचि की कमी, गैरजिम्मेदारी और गलत नीतियों के कारण गंभीर हालातों में है।