शराब की होम डिलीवरी को लेकर रहें सतर्क, दिल्ली में 1500 से ज्यादा लोग ठगे | Nation One
नई दिल्लीः होम डिलीवरी को लेकर सतर्क रहें, कहीं ऐसा न हो कोई आपको लूटता चल बने। जी हां, राजधानी दिल्ली में एक ऐसे ही बड़े मामले के सिंडीकेट का भंडाफोड़ हुआ है पर, यह मामला शराब की होम डिलीवरी का है।
घर पर शराब मंगाने के बहाने इस गिरोह ने 1500 से ज्यादा लोगों को ठग लिया। पुलिस ने सिंडिकेट चलाने के आरोप में एक शिक्षक को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया है। साथ ही गैंग के कुछ सदस्यों को भी दबोचा है। कुछ की तलाश अभी जारी है। आरोपी हाफिज तुफैल दक्षिण दिल्ली के लाडो सराय के एक मदरसे में पढ़ाता था। वह हरियाणा के नूंह का रहने वाला है। उसके साथ गिरफ्तार हुजैफा संगम विहार में रहता था।
फेसबुक से चलाते थे रैकेट
डीसीपी (दक्षिण-पूर्व) आरपी मीणा ने बताया कि, उन्हें दक्षिण-पूर्व दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी करण पल्टा की शिकायत मिली थी कि, शराब की होम डिलीवरी के लिए मोटी रकम वसूली जा रही है। शिकायत में बताया गया कि 22 मई को कोरोनोवायरस के कारण लॉकडाउन था।
इस दौरान फेसबुक पर शराब की होम डिलीवरी के बारे में विज्ञापन देखा था। विज्ञापन पर दिए गए मोबाइल फोन नंबरों पर संपर्क करने पर उसे दो बोतलों के लिए 4,000 रुपये भेजने के लिए कहा गया। उसने पेटीएम के जरिए पैसे भेजे लेकिन, शराब नहीं मिली। जब उसने धन वापसी के लिए कहा तो एक UPI लिंक भेजा गया और उसे धन प्राप्त करने के लिए एक QR कोड स्कैन करने के लिए कहा गया। जैसे ही उसने कोड को स्कैन किया 20,000 रुपये उसके पेटीएम खाते से काट लिए गए।
मोबाइल नंबर से हुए गिरफ्तार, बैंक से बरामद हुए सुबूत
निरीक्षक ऐशवीर सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों की जांच शुरू की तो ये लोग पकड़ में आए। जांच में यह भी सामने आया कि संदिग्धों के ऑनलाइन वॉलेट से मिले पैसे को साकेत में एक निजी बैंक खाते में स्थानांतरित किया जा रहा था और इसे नकद में निकाल लिया गया था।
आगे की जांच करने पर चार चेक बुक, 11 डेबिट कार्ड और दो सिम कार्ड वाला एक मोबाइल फोन मिला। बैंक ने पहले ही हैदराबाद पुलिस के अनुरोध पर उसका खाता फ्रीज कर दिया था। उनके अकाउंट स्टेटमेंट की जांच से पता चला कि उन्हें 20 फरवरी से 9 सितंबर के बीच उनके खाते में 35 लाख रुपये मिले थे।
कई बैंकों से करते थे लेनदेन
हुजैफा ने पुलिस को बताया कि उसने विभिन्न बैंकों में अपने नाम से कई बैंक खाते खोले हैं और नसीर के निर्देशों पर काम किया है, जो उसे पीड़ितों द्वारा धन हस्तांतरण के बारे में सूचित करते थे। हुज़ैफ़ा फिर नकदी निकालता है और तुफ़ैल को सौंप देता, जिसने उसे नसीर से मिलवाया था। मदरसे से पकड़े गए तुफैल ने कहा कि नसीर उसका रिश्तेदार था, जो कमीशन के रूप में अपने बैंक खातों में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करता था।