
यूपी में नाई, ब्यूटी पार्लर, हलवाई टेम्पो चालक का होगा कोरोना टेस्ट | Nation One
मुजफ्फरनगर : कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में अभी से कोरोना वायरस के प्रसार पर नियंत्रण हेतु पूरे प्रदेश में विशेष अभियान आरम्भ किया है. ’फोकस सैम्पलिंग’ के नाम से इस अभियान में उन लोगों का कोविड टेस्ट कराने का प्रबंध किया गया है, जो आम लोगों के साथ ज्यादा सम्पर्क में आ रहे हैं. इनमें ब्यूटी पार्लर, हलवाई, नाई, टेम्पो और रिक्शा चालक, मेहंदी आर्टिस्ट, स्ट्रीट वेंडर्स आदि शामिल हैं.
इस विशेष अभियान के तहत जनपद मुजफ्फरनगर में प्रतिदिन करीब 600 फोकस सैम्पलिंग टेस्ट कराने का प्रबंध किया गया है, जो आम लोगों के साथ ज्यादा सम्पर्क में आ रहे हैं. इससे जनपदभर में खलबली मची हुई है. स्वास्थ्य विभाग की टीमों को पुलिस प्रशासनिक अफसरों का सहारा लेकर यह ’फोकस सैम्पलिंग’ के अन्तर्गत मिले टारगेट को पूरा करना पड़ रहा है. यह विशेष अभियान 12 नवंबर तक चलाया जायेगा.
जनपद में कोरोना संक्रमण को पराजित करने के लिए वैसे तो प्रतिदिन आ रहे रिजल्द ही सुकून प्रदान करने वाले साबित हो रहे हैं लेकिन, दुनिया में फिर से कोरोना वायरस के लौटने का भय बनने लगा है. ऐसे में राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को पहले ही रोकने के लिए विशेष अभियान छेड़ दिया है.
हालांकि यह शुरूआत 29 अक्टूबर से हो चुकी है जो कि 12 नवम्बर तक चलेगा. अभी तक कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए स्वैच्छिक व्यवस्था थी, लोग अपनी मर्जी से अपना टेस्ट करा सकते थे. अब ऐसा नहीं है. लोगों को ’फोकस सैम्पलिंग’ के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग की मर्जी के अनुसार अपना सैम्पल देना पड़ रहा है.
उत्तराखंड में सोशल डिस्टेस्टिंग का पालन नहीं
इसके विपरीत उत्तराखंड में ऐसा कहीं नहीं दिखाई देता है. खासकर राजधानी में सोशल डिस्टेंस्टिंग तो कहीं दिखाई ही नहीं देती है. राज्य सरकार की ढिलाई देने के चलते लोग भी यह समझ बैठे हैं कि, अब कोरोना खत्म सा हो गया है. इसी कारण टेम्पो, बसों में ठसाठस सवारियां भरी देखी जा सकती हैं. होटल, रेस्टोरेंट में भी ऐसा ही नजारा देखा जा सकता है. लोग मास्क तो पहन रहे हैं पर अधिकांश के वह केवल गले में लटका रहता है.