बाबा रामदेव ने रेप के आरोपी के साथ लॉन्च की कोरोना की दवा, हुआ बड़ा खुलासा | Nation One
जहां एक तरफ बाबा रामदेव द्वारा कोरोना की दवा बता कर लॉन्च की गई कोरोनिल के प्रचार-प्रसार पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी है। वहीं दूसरी ओर बाबा रामदेव ने जिस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज(NIMS) के साथ मिलकर इस दवा पर रिसर्च का दावा किया है वह इंस्टीट्यूट भी सवालों के घेरे में घिर गया है।
बता दें कि NIMS के चेयरमैन डॉ. बी एस तोमर पर साल 2015 में एक छात्रा ने छेडखानी व रेप करने की कोशिश का आरोप लगा कर केस दर्ज करवाया था। जिसके बाद जब आरोपी बीएस तोमर को इसकी भनक लगी तो वह अपने भाई के पास अमेरिका चले गए। जिसके करीब डेढ़ साल बाद उन्हें रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया।
इतना ही नहीं रेप और छेड़खानी का आरोप लगने के बाद बी एस तोमर ने भी छात्रा के पिता के खिलाफ यौन शोषण का झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। और उन्होंने केस को मैनेज करने के नाम पर पीड़िता को 10 लाख रुपए का लालच भी दिया था, जिसे उसने ठूकरा दिया था।
वहीं NIMS पर फर्जी डिग्रियां बांटने का भी आरोप लगता रहता है। जिसके बाद से इस इंस्टीट्यूट पर सवालिया निशान खड़े होते रहे है। बता दें कि NIMS प्रबंधन को लेकर होने वाला झगड़ा भी राजस्थान के समाचार जगत में सुर्खियां बटोरता रहता है।
NIMS के चेयरमैन डॉ. बी एस तोमर की पत्नी शोभा तोमर और उनके बेटे भी अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार हो चूके है। साथ ही बीएस तोमर पर जमीन के अवैध कब्जे का आरोप भी रहा है।
बता दें कि योग गुरु बाबा रामदेव ने मंगलवार को कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल को लॉन्च किया था। इस दवा को बनाने में पंतजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(NIMS) ने मिलकर तैयार किया है। इस बीच निम्स के चेयरमेन डॉ. बीएस तोमर और अन्य प्रमुख चिकित्सक भी मौजूद रहे।