संन्यासियों को संन्यास दीक्षा के बाद किया जा रहा है विकसितः बाबा रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव से रविवार को संन्यास दीक्षा लेने वाले 92 जीवनदायिनी सेवाव्रतियों का दीक्षा शिविर सोमवार से ऋषि ग्राम में शुरू हुआ। योग गुरु बाबा रामदेव इन्हें संन्यास दीक्षा से विकसित कर रहे हैं। शिविर में संन्यास के दौरान उनके दायित्व, कर्तव्य और जिम्मेदारियों के बारे में बताया जा रहा है। शिविर में सभी 51 पुरुष संन्यासी और 41 साध्वी भाग ले रही हैं।
हालांकि, शिविर में किसी को जाने की इजाजत नहीं है। शिविर का समापन 29 मार्च को होगा। समापन समारोह में देश-दुनिया के सभी बड़े संत महात्माओं और विद्वानों के भाग लेने की संभावना है। पतंजलि योगपीठ में कार्यक्रम के समापन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि योगगुरु बाबा रामदेव का यह कदम राष्ट्र निर्माण और समाज निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारत की ऋषि-मुनि परंपरा को जीवित रखने का योगगुरु बाबा रामदेव का यह प्रयास भारत को दोबारा से विश्वगुरु बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। अब वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया में विश्वगुरु के तौर पर जाना और पहचाना जाएगा।
अभिभावकों को मंच पर किया सम्मानित
योगगुरु बाबा रामदेव से संन्यास दीक्षा लेने वाले संन्यासियों और साध्वी के परिजनों ने मुलाकात की। योगगुरु बाबा रामदेव ने उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित किया और आशीर्वाद दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज निर्माण के लिए अपने से उत्पन्न पुत्र और पुत्रियों को संन्यास दीक्षा में समर्पित कर राष्ट्र के लिए समर्पित कर देना बड़े पुण्य और भाग्यशाली लोगों का काम है। वे ऐसे मनीषियों और अभिभावकों को नमन करते हैं।