मानवभारती स्कूल में रोबोटिक कार प्रोजेक्ट से शुरू हुई अटल टिंकरिंग लैब
देहरादून। मानवभारती स्कूल ने छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए बुधवार से नई शुरुआत की है। नीति आयोग की पहल पर विद्यालय में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है, जिसमें होने वाले अभिनव प्रयोगों से बच्चों को विज्ञान के प्रति आकर्षित किया जा रहा है। लैब के पहले प्रोजेक्ट रोबोट और रोबोटिक्स पर फोकस करते हुए विस्तार से जानकारी दी गई। रोबोटिक की छोटी-छोटी प्रोग्रामिंग सिखाई गई।
भारत सरकार के नीति आयोग ने देशभर के चयनित स्कूलों में अटल इनोवेटिव मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब स्थापित कराई हैं। देहरादून में मानवभारती स्कूल पहला विद्यालय है, जिसको इस मिशन के लिए चयनित किया गया है। इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करना है।
मानवभारती स्कूल में टिंकरिंग लैब के इंचार्ज डॉ. गौरवमणि खनाल बताते हैं कि व्यावहारिक अनुभव के लिए बच्चों को एक छोटी रोबोटिक कार बनाने का मौका मिला। इसके लिए उनको टिंकरिंग लैब ने जरूरी संसाधन टूल्स और मशीनरी उपलब्ध कराए। क्लास आठ से 12 तक के बच्चों को इस अनुभव को हासिल करने का अवसर मिला।
डॉ. खनाल ने माइक्रो इलैक्ट्रोनिक्स में इंग्लैंड की लिवरपूल जोन मोर्स यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री और यूनिवर्सिटी ऑफ रोम तोरवर्गाता से इलैक्ट्रानिक्स में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। डॉ. खनाल कई अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में अपनी रिसर्च को प्रस्तुत कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि सभी क्लासों को इस प्रोजेक्ट में शामिल करने का उद्देश्य उनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि जागृत करना है। उनको केवल विज्ञान के सूत्रों तक ही सीमित नहीं रखना था, बल्कि प्रोजेक्ट लैब के एन्वायरन्मेंट में कार्य करने का अनुभव कराना था। इसके जरिये विज्ञान के सूत्रों को स्वयं के आइडिया से जोड़ना और फिर पूरे मैकेनिज्म को रियल टाइम एप्लीकेशन में क्रियान्वित कराना है।
छात्र-छात्राओं की टीमों ने अपनी सोच के हिसाब से अलग-अलग डिजाइन की रोबोटिक कारें बनाईं, जो रिमोट के जरिये संचालित की जा सकती थीं। इस प्रयोग को और रोचक बनाने तथा अन्य बच्चों को विज्ञान और अटल लैब के प्रति आकर्षित करने के लिए स्कूल सभागार में रोबो कार वार प्रतियोगिता कराई गई।
प्रतियोगिता में कुल छह टीमें अपनी बनाई कारों के साथ शामिल हुईं। कारों को एक रिंग में रखकर पावर वार कराया गया। नियम यह था कि दो कारें एक रिंग में आएं। पावर वार के दौरान जो कार रिंग से बाहर हुई, उसको संचालित करने वाली टीम गेम से बाहर हो गई। टीमों ने अपनी रोबो कारों के नाम भी रखे थे।
प्रतियोगिता के दौरान छात्र-छात्राएं टीमों का हौसला बढ़ा रहे थे। इस प्रतियोगिता में डेविल डेस्ट्रायर कार विजयी हुई। इस कार को बनाने वाली टीम में 11 वीं क्लास के सुमित रौकया और प्रज्ञा किमोठी, अंकित पंवार व रितिका नेगी तथा क्लास 10 के रोहित सिंह, अस्मित बिजल्वाण शामिल हैं। विद्यालय के निदेशक डॉ. हिमांशु शेखर ने कहा कि विजयी टीम को सम्मानित किया जाएगा।