इस बार 27 अक्टूबर को देश भर में दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि दिवाली के दिन दीपों की रोशनी में मां लक्ष्मी घर में आती हैं। ये भी मान्यता है कि प्रभु श्री राम की अयोध्या वापसी पर लोगों ने उनका स्वागत घी के दिये जलाकर किया। अमावस्या की काली रात को रोशन हो गई इसलिये दिवाली को प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त…
18:42 से 20:11
प्रदोष काल- 17:36 से 20:11
वृषभ काल- 18:42 से 20:37
अमावस्या तिथि आरंभ- 12:23 (27 अक्तूबर)
अमावस्या तिथि समाप्त- 09:08 (28 अक्तूबर)
लक्ष्मी कृपा पाने के लिए कुछ चुनिंदा उपाय…
- महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जाप करेंगे तो आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
- दिवाली वाले दिन लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। इससे घर की सारी निगेटिविटी दूर हो जाएगी।
- दिवाली पर महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां रखें। इससे धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होंगी।
- दिवाली वाले दिन शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं। ध्यान रहे सभी चावल पूर्ण होने चाहिए।
- लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ जरूरी रखें और पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रखें।
- इस दिन पीपल के पेड़ में जल जरूर दें। इससे शनि के दोष और कालसर्प दोष खत्म हो जाता है।
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