आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन के मुद्दे पर मोर्चाबंदी की तेज

रानीखेत में वेतन के मुद्दे पर आशा कार्यकर्ताओं ने मोर्चाबंदी तेज कर दी है। मोदी सरकार पर श्रमिक व महिला विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए वक्ताओं ने न्यूनतम वेतन व नियमितिकरण के लिए संघर्ष और तेज करने का ऐलान किया। उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर यूनियन का गुरुवार को शिव मंदिर सभागार में ब्लॉक स्तरीय सम्मेलन हुआ। एक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजा बहुगुणा ने केंद्र सरकार पर कामगार विरोधी होने का आरोप लगा कहा कि श्रम कानून में फेरबदल कर अधिकारों में कटौती वाला प्रस्ताव कैबिनेट से पास करा दिया है। उन्होंने इसे आशा वर्कर व अन्य ठेका श्रमिकों के हितों से खिलवाड़ बताया। कहा कि महिला अधिकारों की दुहाई देने वाली केंद्र सरकार आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन का अधिकार देने से मुकर रही।

नियमितीकरण व मासिक वेतन के लिए संघर्ष होगा तेज

आशा वर्कर यूनियन के प्रदेश महामंत्री कैलाश पाडे ने कहा, नियमितीकरण व मासिक वेतन के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा। जिलाध्यक्ष मीना आर्या ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं पर बोझ बढ़ाया जा रहा लेकिन वेतन के नाम पर मात्र शोषण ही किया जा रहा।

सम्मेलन में आशा वर्कर यूनियन की ब्लॉक कार्यकारिणी गठित की गई। 13 सदस्यीय कार्यकारिणी में कमला जोशी अध्यक्ष, सरोज चैधरी उपाध्यक्ष, भावना बिष्ट कोषाध्यक्ष, मंजू नेगी सचिव व विमला खाती सहसचिव चुनी गई। गोदावरी, कला गयाल, शोभा जोशी, मीना आर्या, जया जोशी, प्रेमा, लीला देवी सदस्य बनाई गई। इस मौके पर राजेश्वरी देवी, पूजा, शीला, प्रेमा, शोभा बिष्ट, गीता मावड़ी, गरिमा साह, उमा देवी, नीमा बिरौड़िया, राधा देवी, दीपा पपनै, सुनीता बिष्ट आदि मौजूद रही।

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