नई दिल्ली : AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी अब धर्मांतरण के आरोपी मौलाना कलीम सिद्दकी के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कलीम का समर्थन करते हुए कहा है कि अपने धर्म का प्रचार अपराध नहीं है।
इस मामले पर ओवैसी ने मौलाना के वकील से भी बात की है। ओवैसी ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा कि अपने धर्म की जानकारी देना किसी तरह का अपराध नहीं है।
ओवैसी ने कहा- मौलाना कलीम साहब के वकील अबुबकर सब्बाक से बात की। अनुच्छेद 25 आपके विश्वास का प्रचार करने के अधिकार की रक्षा करता है।
अपने धर्म की जानकारी देना किसी भी तरह से अपराध नहीं है। यूपी सरकार मीडिया ट्रायल कर रही है। उनके खिलाफ लगाई गई धाराएं आरोपों से मेल नहीं खाती”।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बुधवार को 64 वर्षीय मौलाना कलीम सिद्दीकी को कथित तौर पर एक अवैध धर्मांतरण रैकेट का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
एटीएस ने कहा कि उनका नाम लखनऊ में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान सामने आया, जिसमें मौलवी उमर गौतम और अन्य को आरोपित किया गया है। सिद्दीकी कथित अवैध धर्मांतरण रैकेट में गिरफ्तार होने वाला नौवां व्यक्ति हैं।
एटीएस ने एक बयान में कहा कि जांच के दौरान, यह पता चला कि मुजफ्फरनगर का मूल निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी, जो ज्यादातर दिल्ली में रहता है, अवैध धर्मांतरण में शामिल है।
यह पाया गया कि शैक्षिक और सामाजिक संगठनों की आड़ में, वह देश भर में अवैध धर्मांतरण में शामिल था। इसके लिए वो विदेशों से धन प्राप्त कर रहा था।
यह धर्मांतरण रैकेट संगठित तरीके से चलाया जा रहा था और इसमें कई लोकप्रिय लोग और संगठन भी शामिल हैं। यह भी पाया गया कि उसने भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट चलाया और गैर-मुसलमानों को धोखा देकर उनका धर्मांतरण किया।
पुलिस के अनुसार मौलाना, जामिया इमाम वलीउल्लाह नाम से एक ट्रस्ट चलाते हैं। इसके अंतर्गत कई मदरसे चलते है। पुलिस के मुताबिक इन मदरसों को विदेशों से फंडिंग मिलती है। वह ग्लोबल पीस सेंटर के भी अध्यक्ष हैं। मौलाना अभी एटीएस की हिरासत में हैं। जहां उनसे अभी पूछताछ चल रही है।