मुख्यमंत्री शिक्षक समाज से माफी मांगेंः इंदिरा हृदयेश
शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने उच्च शिक्षा निदेशक और दो प्राचार्यों समेत चार अधिकारियों के निलंबन की कार्रवाई को शिक्षक समाज का अपमान बताया है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से शिक्षक समाज से माफी मांगने तथा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री का जवाब तलब करने की मांग की है।
इंदिरा ने कहा कि उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन में इस तरह की पहली घटना देखी कि एक छात्रा के प्रवेश को विभागीय मंत्री ने ऐसा इश्यू बना दिया कि एक उच्च शिक्षा निदेशक और दो कॉलेजों के प्राचार्य समेत 5 लोगों को निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व में धन सिंह रावत का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह प्राचार्य डा. जगदीश प्रसाद और उच्च शिक्षा निदेशक डा. बीसी मेलकानी को एनएसयूआई से छात्रसंघ अध्यक्ष की दावेदार मीमांशा आर्या का प्रवेश निरस्त करने के लिए दबाव बना रहे थे। मंत्री का दबाव न चलने की सजा ही चारों अफसरों निलंबित होकर चुकानी पड़ी।
नौकर नहीं दिशा निर्देशक होते हैं शिक्षक
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का उनका भी लंबा अनुभव है लेकिन आज तक ऐसा कहीं नहीं देखा। यूपी में जहां 28 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, वहां कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह सरकार के समय में भी जब वह शिक्षक संवर्ग का प्रतिनिधित्व करतीं थी इतना बड़ा तुगलकी फरमान कभी नहीं हुआ। पूर्व में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार कहा गया था कि विश्व के शिक्षाविदों का यह मत है कि शिक्षक नौकर नहीं बल्कि दिशा निर्देशक होते हैं। इस सरकार ने शिक्षाविदों की रिपोर्ट को नकार दिया है। उन्होंने प्रदेश भर के सभी शिक्षकों और छात्र संगठनों से भी आह्वान किया वह मामले में निंदा प्रस्ताव सीएम को भेजें। उन्होंने कहा वह इस मामले को केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजेंगी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, महानगर अध्यक्ष राहुल छिमवाल आदि मौजूद रहे।