आंध्र प्रदेश : विशाखापट्टनम में जहरीली गैस के रिसाव से 8 लोगों की मौत, 5000 बीमार, बढ़ सकता है आंकड़ा | Nation One

कोविड-19 महामारी के बीच आंध्र प्रदेश में एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है। विशाखापट्टनम जिले में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के केमिकल प्लांट से गैस लीक हो गई जिसने 8 लोगों की जान ले ली और कम से कम 200 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मरने वालों और घायलों में कई बच्चे और महिलाएं भी हैं।

एलजी पॉलीमर्स नाम की कंपनी का यह केमिकल प्लांट गोपालपट्नम इलाके में एक गांव के नजदीक स्थित है। इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं। फिलहाल, पांच गांव खाली करा लिए गए। बताया जा रहा है कि गैस के कारण लोग उल्टियां कर रहे हैं और खड़े-खड़े बेहोश हो रहे हैं।

घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अधिकारियों से बात की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि घटना के संबंध में गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों से बात की है, मामले की कड़ी निगरानी की जा रही है। मैं विशाखापट्टनम में सभी की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं।

राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। लोगों को घरों से निकाला जा रहा है। कई लोग फुटपाथ और सड़कों पर बेहोश हालत में पड़े मिले हैं। जानकारी के मुताबिक, गैस का रिसाव सुबह 4 बजे हुआ, तब लोग नींद में थे। वहीं सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के अनुसार, 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग कोमा में चले गए हैं। स्टीरिऑइड गैस के लीक होने से यह हादसा हुआ है।

मुख्यमंत्री वाई.एस जगन मोहन रेड्डी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन को तत्काल कदम उठाने और सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अस्पताल का दौरा भी करेंगे। राहत एवं बचाव कार्यों में सहायता के लिए पुलिस, एंबुलेंस और फायर टेंडर्स को इलाके में भेजा गया है। रिसाव को रोकने के प्रयास चल रहे हैं।

दरअसल, इस जहरीली गैस के लिक होने की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई है। इस घटना के बाद  जिलाधिकारी वी विनय चंद ने विशाखापट्टनम में फैल रही जहरीली गैस के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की है लेकिन ये मामला अभी तक सामने नहीं आया है। वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। उन्होंने ये भी कहा की दो घंटे के अंदर-अंदर हालत को नियंत्रण में कर लिया गया है। जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया है।