
गलत नहीं है पूर्व राष्ट्रपति का आरएसएस मुख्यालय में जाना: अग्निवेश
मानवाधिकार कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का आरएसएस के मुख्य केन्द्र नागपुर में जाना गलत नहीं है। उन्होंने वहां जाकर अपनी बात रखी। इसमें कोई गलत नहीं। यदि वह अपने भाषण में कुछ नई बात कहते तो वह ज्यादा अच्छा होता। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक साजिश के तहत काम कर रहा है। यहां उलोवा के केन्द्रीय अध्यक्ष डा. शमशेर सिंह बिष्ट के आवास में पहुंचे स्वामी अग्निवेश ने पत्रकारों से वार्ता की।
उन्होंने कहा कि अभी पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय में जाने लेकर काफी विवाद हो रहा है। लेकिन मैं मानता हूं इसमें विवाद जैसी कोई बात नहीं है। कोई व्यक्ति कहीं भी संवाद कर सकता है। बात करके हमेशा बात बनती है। इसके नाते आरएसएस मुख्यालय नहीं जाने की बात कहने वालों की बात सही नहीं है। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने वहां जो भी बात कही। वह रटी रटाई नजर आई। बेहतर होता कि जिस बेबाकी से राष्ट्रपति ने धर्म आधारित राजनीति पर सवाल खड़े किए उससे कई अधिक अच्छा होता कि प्रणब दा वहां देश को प्रचंड हिंदुत्व की ओर धकेलने की साजिश को आड़े हाथों लेते, यह देश के लिए एक संदेश भी होता।
देश की जनता बेहाल है, किसान कर रहे हैं आत्महत्या
आरएसएस कार्यकर्ताओं से कहते कि जो किसान परेशान हैं उसको लेकर वह काम करें। किसानों की मदद करें। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक साजिश के तहत देश में अपना एजेंडा तय करने की कोशिश कर रहा है। वर्तमान में नागपुर केन्द्र की सरकार को संचालित कर रहा है जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रणब दा ने अपने कार्यकाल के दौरान एक बार उत्तराखंड सरकार को पदच्युत करने के कागज पर हस्ताक्षर तक किए हैं। ऐसे में उनके विचार को लेकर बहुत अधिक संशय नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की जनता बेहाल है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
इन दिनों उनका आक्रोश चरम पर है पर सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं। अग्निवेश ने कहा कि उत्तराखंड में बन रहे पंचेश्वर बांध को लेकर भी सरकार की नीयत साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई में जनता की राय साफ होनी चाहिए लेकिन पंचेश्वर मामले में प्रदेश सरकार की नीयत पर शक हो रहा है। यदि सरकार नियमानुसार जनसुनवाई नहीं करेगी तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।