कृषि कानूनों पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में मार्च निकालने और राष्ट्रपति से मुलाकात करने की कांग्रेस की कोशिशों के दौरान गुरुवार को प्रियंका गांधी सहित कई पार्टी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पौने दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धारा 144 लगाते हुए केवल तीन कांग्रेस नेताओं को ही राष्ट्रपति से मुलाकात की इजाजत दी। जिसके बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि, “राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो क़ानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं और इनसे किसानों, मज़दूरों का नुक़सान होने वाला है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मज़दूर घर चले जाएंगे।”
राहुल ने आगे कहा कि, ‘मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं, मैंने कोरोना के बारे में बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। उस समय किसी ने बात नहीं सुनी। आज मैं फिर से बोल रहा हूं किसान, मजदूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती।
राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है कि दो चार बड़े उद्योगपतियों के लिए पैसा बनाना। जो लोग मोदी जी के खिलाफ खड़े होते हैं उनके खिलाफ कुछ ना कुछ बोलते हैं। किसान को आतंकवादी कहते हैं, कल को मोहन भागवत भी उनके खिलाफ खड़े हो गए तो उन्हें भी आतंकवादी बोल देंगे।’