जीना तो है उसी का जिसने ये राज जाना है काम आदमी का औरों के काम आना
ये गाना भले ही फ़िल्मी हो लेकिन एक सार्थक जीवन के लिए बहुत बड़ी सच्चाई है। ऐसे बिरले बहुत कम होते हैँ जो औरों के दुख-दर्द को औरों की परेशानियों को अपना समझकर बाँटने का काम करते हैँ। आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराएँगे जिन्होंने आम लोगों की परेशानी को उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति तक के दरवाजे को खटखटा दिया है और ये एक बार नहीं दो बार नहीं बल्कि तीन हजार बार से भी ज्यादा राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटा चुके हैँ। जी हाँ, आपने सही सुना तीन हज़ार बार राष्ट्रपति का दरवाजा अपने लिए नहीं, उन लाखों- करोड़ों लोगों के लिए जिनकी फर्याद सुनने वाला कोई नहीं होता।
लोगों को सरकारों के हजारों विभागों के लाखों कामों में करोड़ों परेशानियां होती हैँ। लेकिन आम आदमी की आम परेशानी सरकार को, विधायिका को, कार्यपालिका को, न्यायपालिका को वह बता ही नहीं पाता। हर कोई विभाग आम नागरिक को दूसरी ओर का इशारा कर देता है। हर सरकारी विभाग का एक ही नारा है। यहाँ नहीं, कंसर्न के पास जाओ, आम आदमी विशाल मंत्रालय के विशाल फ्लोर पर विशाल हाल में कंसर्न तक कभी पहुँच ही नहीं पाता। ऐसे ही लाखों करोड़ों लोगों की हर छोटी-बड़ी समस्या को महामहिम राष्ट्रपति तक पहुंचाने का काम किया है दिल्ली के रहने वाले जीवन कुमार मित्तल ने।
जीवन कुमार मित्तल ने 2012 से रोजाना राष्ट्रपति सचिवालय को आम आदमी की तमाम समस्यायों से अवगत कराने का पूरा प्रयास किया है। सरकार की हजारों कमियों को, भूलों को, लापरवाहियों को व्यावहारिक हल के साथ जनहित में पूरे साहस और हौंसले के साथ सर्वोच्च मंच पर भेजा है। जीवन कुमार मित्तल द्वारा भेजे गए कई सुझावों पर भारत सरकार ने अमल किया है। अब तक 3000 से ज्यादा विषयों पर महामहिम को पत्र लिखकर अवगत कराने वाले एकमात्र व्यक्ति जीवन कुमार मित्तल। स्वयं दो बार राष्ट्रपति के चुनाव का नामांकन कर चुके हैँ एक बार 2012 में और दूसरी बार 2017 में, उप राष्ट्रपति के चुनाव 2017 के लिए भी संसद भवन में राज्य सभा और लोक सभा के महासचिव के कार्यालय में जा कर नामांकन कर चुके हैँ।
जीवन कुमार मित्तल एक ऐसा नाम है जिसका जीवन आम लोगों के लिए समर्पित है। इन्होनें तीन हजार पत्रों के माध्यम से आम आदमी की हर छोटी व बड़ी समस्या और परेशानी को महामहिम तक पहुँचाने का जो काम किया है वह किसी विश्व कीर्तिमान से कम नहीं है। और इतना ही नहीं इन्होनें इन सभी पत्रों को इंटरनेट के माध्यम से फेसबुक पर एक पेज Letters to President of India के नाम से बनाकर संजोने का एक बेहद खूबसूरत प्रयास भी किया है। जीवन कुमार मित्तल मात्र एक नाम नहीं एक पूरा मिशन है। उनका मानना है कि जीना तो है उसी का जो औरों के काम आये…!