पूरे देश में कोरोना के कारण तीज त्यौहारों की रौनक पड़ी फीकी, पढ़े पूरी खबर | Nation One
इसबार पुरे देश में कोरोना के कारण तीज त्यौहारों की रौनक फीकी पड़ गई हैं। श्रावण मास में शिव भक्ति का उत्साह अपने चरम पर रहता हैं। श्रद्धालु कावड़ कंधे पर लेकर अपने आराध्य देव को जल चढ़ाने सैकड़ो किलोमीटर की यात्रा कर आते हैं।
ऐसे ही ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश में खंडवा जिले के ओम्कारेश्वर में विध्यमान हैं। लेकिन इसबार यहाँ भी कोरोना काल के चलते स्नान और कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जिन श्रधालुओ को दर्शन करना है वह भी पहले से ऑन लाइन बुकिंग करा कर सिर्फ दूर से दर्शन कर सकते हैं।
भगवान शिव की पूजा और इस पूजा के लिए श्रावण मास सबसे शुभ और कल्याणकारी माना गया है। इस बार इस पावन मास की शुरुआत भी शुभ संयोग में यानी भगवान शिव का दिन माने जाने वाले सोमवार 06 जुलाई 2020 से शुरू हो रहा हैं।
श्रावण मास में शिव भक्त कांवड़ यात्रा के लिए निकलते हैं। चारों तरफ भगवन शिव के नाम की गूंज सुनाई देती हैं। माना जाता है कि देवताओं में भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देव हैं।
ऐसे में इस पावन मास में विधि-विधान से शिव का पूजन करके उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। भगवान शिव के आशीर्वाद से साधक के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसे फल की प्राप्ति होती है।
श्रावण मास में शिव की पूजा करने से शत्रुओं का नाश तो होता ही हैं साथ ही रोग-शोक भी दूर होता है। आप जहां शिव की महिमा जानते है तो वहीं शिव का तांडव रूप भी किसी से छुपा नहीं। लेकिन इसबार श्रावण में शायद शिव को कुछ और ही मंजूर हैं।
कोरोना महामारी के चलते इसबार लगभग सभी जगह कावड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई हैं। ऐसे ही बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी कावड़ यात्रा और स्नान पर जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया हैं।
यहाँ भगवान ओमकार की सेवा करने वाले स्वामी भी इस प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कहते हैं कि राष्ट्रीय धर्म सबसे पहले क्यों कि कोरोना महामारी से सबको बचाना हैं इसलिए यह जरुरी हैं लेकिन जो भक्त आना चाहते हैं वह ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर दर्शन का लाभ ले सकते हैं। उसके लिए उन्हें जरुरी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
ओम्कारेश्वर मंदिर के पांडे भी मानते हैं की इसबार पिछले वर्षों की तरह उत्साह नहीं रहेगा। फिर भी अभी लगभग दो हजार लोगों को भगवन ओम्कारेश्वर के दर्शन कराये जा रहे है श्रावण मास में इनकी संख्या बढ़ेगी।
लेकिन भगवान के दर्शन भक्तों को दूर से ही करने होंगे। साथ ही भक्त पवित्र घाटों पर स्नान भी नहीं कर सकते क्यों की स्नान को भी प्रतिबंधित किया गया हैं। भक्त कावड़ लेकर भी नहीं आ सकते क्योंकि कावड़ यात्रा पर भी अभी कोरोना के कारण रोक लगाई गई हैं।
लेकिन श्रावण मास को ध्यान में रख कर मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के लिए सिर्फ दर्शन व्यवस्था की हैं ताकि भक्त इस पवित्र माह में भगवान के दर्शन कर सुरक्षित अपने घर लौट जाए।
इधर जिला प्रशासन में श्रावण मास को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। जिला प्रशासन में ओम्कारेश्वर आने वाले सभी रास्तों पर चेकिंग पॉइंट बना दिए हैं।पु
नासा एसडीएम ममता खेड़े ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं कर ली गई है। ताकि श्रावण मास में किसी तरह की भीड़ नहीं लग सकें। कावड़ यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। जो भी तीर्थयात्री आएँगे उन्हें टेस्टिंग करने के बाद ही मात्र दर्शन की अनुमति रहेंगी।
फ़िलहाल पहले ही कम यात्री आ रहे हैं। श्रावण मासमें हम देखेंगे की हम कितने यात्रियों को दर्शन करा सकते हैं। लेकिन जिसे भी दर्शन करना है उसे पहले से ही अपना ों लाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
खंडवा से विजय तीर्थन की रिपोर्ट