गोंडा में सोई हुई हुए तीन बहनों पर एसिड अटैक, एक की हालत गंभीर | Nation One
गोंडाः उत्तर प्रदेश में महिला, बेटी तथा बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयासरत हैं. नवरात्र से वह इसके लिए विशेष अभियान भी चलाने जा रहे हैं लेकिन, इसके बावजूद अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण गोंडा की तीन दलित बेटियों पर तेजाब फेंकना है. तीनों झुलस गई हैं, इनमें एक गंभीर रूप से घायल है. घटना का कारण अज्ञात है.
गोंडा के परसपुर क्षेत्र के पसका गांव में एक व्यक्ति की तीन बेटियां छत की दूसरी मंजिल पर सो रही थीं. इसी दौरान तीनों पर तेजाब फेंका गया. रात ढाई बजे के करीब बड़ी बेटी चिल्लाते हुए नीचे उतरी और पिता से लिपट गई. इसके बाद दोनों भी चिल्लाते हुए नीचे उतरीं. इनमें दूसरी बेटी का चेहरा और अन्य दोनों के हाथ झुलस गए. इनको लेकर परिवारीजन गोंडा जिला अस्पताल पहुंचे, जहां दूसरी बेटी की हालत नाजुक बताई जा रही है. पसका चौकी इंचार्ज उमेश वर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. कई जगह पर तलाश जारी है. इसके साथ ही हाल के दिनों में जहां-जहां से तेजाब खरीदा गया है, वहां की भी पड़ताल हो रही है.
मिशन शक्ति अभियान की हर रोज होगी समीक्षा
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद संजीदा हैं. उन्होंने महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत शारदीय नवरात्र से बासंतिक नवरात्र तक चलाए जाने वाले ‘मिशन शक्ति’ अभियान की अब प्रतिदिन समीक्षा किए जाने का निर्देश दिया है. कहा है कि इस अभियान का विस्तार वार्ड और ग्राम पंचायत स्तर तक किया जाए। साथ ही अपर मुख्य सचिव गृह व डीजीपी इसकी मानीटरिंग करें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं व बालिकाओं से जुड़े मामलों की जिला स्तर पर प्रतिदिन समीक्षा किए जाने के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक समीक्षा की जाए। उन्होंने सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना तथा एंटी रोमियो स्क्वॉड की सक्रियता को और बढ़ाने के भी कड़े निर्देश दिए. इस मौके पर एडीजी महिला व बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत ने ‘मिशन शक्ति’ तथा आइजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह ने ‘ऑपरेशन शक्ति’ को लेकर अपने प्रस्तुतीकरण भी दिए.
सीएम योगी ने कहा कि महिला व बाल अपराध की मानीटरिंग के लिए हर जिले में मॉनीटरिंग कमेटी की नियमित बैठकें की जाएं. पाक्सो व महिला अपराध संबंधी वादों के निस्तारण के लिए तेजी से कदम बढाए जाएं. इसमें शिथिलता व लापरवाही की दशा में अभियोजन अधिकारी की जवाबदेही भी तय की जाए.