Garud Puran के अनुसार इन लोगों को नहीं करना चाहिए दान, वरना हो जाएंगे कंगाल | Nation One

Garud Puran : हमारे घर के बड़े बुजुर्गों के मुंह से हमने अधिकतर सुना है कि दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशियां आती हैं। किसी जरूरतमंद को दान देने से पुण्य कर्मों में बढ़ोतरी तो होती ही है साथ ही इससे हमारे मरणोपरांत भी इसका फल मिलता है। खासकर जब हमें स्वर्ग में स्थान मिलता है।

क्या आपको पता है गरुड़ पुराण में दान-दक्षिणा को लेकर कुछ विशेष बातें बताई हैं। जिसके अनुसार कुछ स्थिति में लोगों को दान करना भारी पड़ सकता है। अगर वे दान करते हैं तो कंगाल हो सकते हैं।

तो आइए जानते हैं किन लोगों को दान करने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए। गरुड़ पुराण के आचारकाण्ड में नीतिसार के अध्याय में सुखी व समृद्ध जीवन के लिए कई बातें बताई गई हैं। इनमें से एक दान के बारे में है।

गरुड़ पुराण में एक श्लोक वर्णित है जिसके माध्यम से दान के महत्व और दान कब और किन लोगों को करना चाहिए इसके बारे में बताया गया है। इसे यदि आप अपने जीवन में अपनाएंगे तो कभी भी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

Garud Puran : जानते हैं गरुड़ पुराण में वर्णित इस श्लोक के बारे में-

दाता दरिद्रः कृपणोर्थयुक्तः पुत्रोविधेयः कुजनस्य सेवा।

परापकारेषु नरस्य मृत्युः प्रजायते दिश्चरितानि पञ्च।।

  • गरुड़ पुराण में बताए इस श्लोक का अर्थ है कि, किसी भी व्यक्ति को उस स्थिति में दान नहीं करना चाहिए जब वह खुद दरिद्र हो, दरिद्रता की स्थिति में अगर आप दान करते हैं तो स्वयं कंगाल हो सकते हैं।
  • इसके अलावा पुराण के अनुसार कभी भी दिखावे के लिए दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको पुण्य नहीं मिलेगा।
  • दान उतना ही करना चाहिए जितना आप में सामर्थ्य हों, इससे बढ़ चढ़कर दान करना आपको भारी पड़ सकता है। इससे आपके जीवन में कई परेशानियां भी आ सकती है। इसलिए दान उतना करें जिसके बाद आपको परेशानी ना हो।

Garud Puran : अर्जित धन का इतना हिस्सा करें दान

शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति को अपने कमाए हुए धन का दशांश यानी दस प्रतिशत दान करना चाहिए। इसके साथ ही दान हमेशा ऐसे व्यक्ति को करें जिसे उसकी जरुरत हो, पहले से सक्षम व्यक्ति को किया हुआ दान कभी पुण्य नहीं कहलाता।

Also Read : Garud Puran : ये 5 आदतें आपको कर सकती है कंगाल, आज ही बना लें इनसे दूरी | Nation One