बीते शुक्रवार को लगभग 1:00 बजे दोपहर को फुलवारी के पास देवेंद्र नगर थाना प्रभारी के चार पहिया वाहन द्वारा एक नाबालिक आदिवासी को ठोकर मार दी गई जिससे आदिवासी बालिका संगीता जिसकी उम्र लगभग 10 साल है गंभीर रूप से घायल हो गई। आसपास मौजूद लोगों ने उसे देवेंद्र नगर सामुदायिक केंद्र पहुंचाया।
देवेंद्र नगर सामुदायिक केंद्र पर प्रभारी बीएमओ दिलीप साहू द्वारा बच्ची की जांच परख करने के बाद गंभीर घायल होने की स्थिति को देखते हुए पन्ना रेफर कर दिया गया।
एक तरफ जहां पुलिस प्रशासन और सरकार गरीब आदिवासियों की सुरक्षा और उनकी बेहतरी के लिए लगातार प्रयास करने के दावे कर रही है वहीं देवेंद्र नगर थाना प्रभारी द्वारा अपने निजी वाहन से एक आदिवासी बालिका को गंभीर रूप से घायल करने के बाद सामुदायिक केंद्र तक न पहुचाना और रिपोर्ट ना लिखा जाना समझ से परे है। एक्सीडेंटल केस होने के बाद भी एमएलसी ना कराया जाना पुलिस की घटिया मानसिकता को दर्शाता है।

घायल आदिवासी के पिता कमलेश का आरोप है कि देवेंद्रनगर थाना प्रभारी की गाड़ी से एक्सीडेंट होने के बाद उनके द्वारा कोई भी सहायता उन्हें प्रदान नहीं की गई। ना ही उसकी एक्सीडेंट की रिपोर्ट थाने में दर्ज की गई साथ ही उन्होंने थाना प्रभारी पर आरोप लगाया कि यदि हमारे द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाएगी तो प्रभारी बच्चे का इलाज भी नहीं करवाएंगे। उन्होंने बताया कि एक्सीडेंट की वजह से बच्ची के कमर में काफी लंबी चोट आई है जिससे उसके कमर के नीचे का हिस्सा पूरी तरह से काम करना बंद कर चुका है।
पन्ना से अंकित गुप्ता की रिपोर्ट