भारत आस्थाओं का देश है जिसमें लोग अपनी आस्था प्रकट करना नहीं भूलते है। अगर कहीं चमत्कार की झूठी अफवाह भी उड़ जाए तो हजारो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। कभी सदियों दशकों पहले भी चमत्कार हुए हो या शास्त्रो में किसी स्थान का वर्णन हो तो लोग पुण्य की प्राप्ति और भगवान की प्रसन्नता के लिए उमड़ पड़ते है।
एक मगरमच्छ ऐसा भी है जो पूरी तरह से शाकाहारी…
वहीं अगर हम आपसे कहे कि एक मगरमच्छ ऐसा भी है जो शाकाहारी है तो आप क्या विश्वास करेगे..? पहले तो मगरमच्छ का नाम सुनते ही दिमाग में उसका डरावना चेहरा सामने आ जाता है। इस जानवर से आमना-सामना होने की बात कोई सोचना भी नहीं चाहेगा। लेकिन इस सब से उलट एक मगरमच्छ ऐसा भी है जो पूरी तरह से शाकाहारी है। इतना ही नहीं वो खाने में भी सिर्फ प्रसाद ही खाता है। यहां तक कि झील की एक भी मछली या किसी अन्य प्राणी को उसने आज तक नुकसान नहीं पहुंचाया। इस मगरमच्छ को मंदिर का रखवाला भी माना जाता है।
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एक मगरमच्छ की मौत के बाद दूसरा रहस्यमयी तरीके से प्रकट…
यह भी कहा जाता है कि जब इस झील में एक मगरमच्छ की मौत हो जाती है तो रहस्यमयी तरीके से दूसरा मगरमच्छ अपने आप प्रकट हो जाता है। अब आप सोच रहे होगे की ये सब झूठ है लेकिन हम आपको ये हैरान कर देने वाला मामला बताते है।
वो सिर्फ प्रसाद खाता है लेकिन सिर्फ पुजारी से…
ये मामला केरल के कोच्चि जिले में स्थित है अनंतपुर मंदिर का है। जहां स्थित झील में एक मगरमच्छ रहता है, जिसे भगवान का सेवक और मंदिर का रखवाला कहा जाता है। इस मगरमच्छ का नाम बबिया बताया जा रहा है। लोगों की मानें तो बबिया ने आज तक कभी मांस नहीं खाया। झील में रहते हुए उसने कभी किसी मछली को नुकसान नहीं पहुंचाया। वो सिर्फ प्रसाद खाता है, जो उसे मंदिर के पुजारी खिलाते हैं। किसी अन्य को बबिया के पास जाने या उसे खिलाने की इजाजत नहीं है। पुजारी के झील के किनारे पर आने पर बबिया भी वहां आ जाता है, जिसके बाद उसे मंदिर में चढ़ा प्रसाद खिलाया जाता है।ये मगरमच्छ करीब 73 सालों से रह रहा है। आजादी के पूर्व एक अंग्रेज अफसर ने यहां के मगरमच्छ को मार दिया था जो की अगले दिन फिर जिन्दा होकर आ गया था। ये मगर शाकाहारी है और सिर्फ मंदिर का चढ़ा प्रसाद खाकर ही जीवित रहता है।
केरला के प्रसिद्ध मंदिर पद्मानाभस्वामी मंदिर के बीच…
दक्षिण भारत में केरला के प्रसिद्ध मंदिर पद्मनाभस्वामी मंदिर के बीच स्थित तालाब में मगरमच्छ रहता है। यह मंदिर भगवान विष्णु का हैं जो झील के बीच बना हुआ है। इस मंदिर की रखवाली एक मगरमच्छ करता है, जिसका बबिया नाम है।
एक मगरमच्छ की मृत्यु हो जाती तो दूसरा अपने आप…
मंदिर के पुजारियों की मानें तो यहां की झील में कुछ खास बात है। उन्होंने कहा कि बबिया पहला मगरमच्छ नहीं है जो यहां का रक्षक होने के साथ ही शाकाहारी भी हो। उन्होंने बताया कि जब भी एक मगरमच्छ की मृत्यु हो जाती है तो दूसरा मगरमच्छ अपने आप आ जाता है। ये कहां से आते हैं और कैसे इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। जो भी नया मगरमच्छ आता है, वो पुराने की तरह ही मंदिर की रक्षा करता है और खाने के रूप में यहां का प्रसाद खाता है।