एटीएम कार्ड क्लोनिंग केसः देहरादून के एटीएम में लगाया था स्किमर
- स्किमर के जरिये एटीएम कार्ड स्कैन करके की गई थी धोखाधड़ी
देहरादून
देहरादून के एटीएम पर साइबर हमले के मामले में पुलिस महानिदेशक एम ए गणपति ने आला अफसरों की बैठक बुलाकर एसटीएफ से जांच कराने के आदेश दिए। वहीं नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में चेकिंग के दौरान एक एटीएम में स्किमर की वायर लगी मिली, जिसके जरिये कार्ड की डिटेल लेकर साइबर अपराधियों ने एटीएम कार्डों का डाटा लेकर क्लोन तैयार किए और फिर खातों से रकम उड़ा ली।
इस मामले की शुरुआती जांच में ही जाने माने साइबर एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत ने बताया था कि साइबर अपराधियों ने एटीएम कार्डों की क्लोनिंग करके खातों से रकम उड़ाई है। उनका कहना था कि बिना स्किमर के स्किमिंग नहीं की जा सकती और बिना स्किमिंग के किसी एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार नहीं किया जा सकता। देहरादून के खाताधारकों के साथ इतनी बड़ी धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों ने शहर के कुछ एटीएम पर स्किमर फिट किए होंगे। एटीएम में इनसर्ट किए जाने से कार्ड की स्किमिंग होकर पूरी डिटेल साइबर क्रिमिनल के हवाले हो गई। इसी डिटेल से अपराधियों ने संबंधित खाताधारक के कार्ड का क्लोन बनाकर जयपुर में रकम निकाल ली। बताते हैं कि जांच में उन एटीएम का भी पता चल गया है, जहां अपराधियों ने स्किमर लगाए थे।
वहीं देहरादून में तीन दिन से सामने आए एटीएम पर साइबर अटैक के मामले में पुलिस महानिदेशक एमए गणपति ने पुलिस मुख्यालय में बैठक बुलाई और मामले की जांच एसटीएफ को दी है। वहीं नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में एटीएम की चेकिंग के दौरान स्किमर की तार मिली, जिसे साइबर विशेषज्ञों ने निकाल लिया है और इसकी जांच की जा रही है।
दून में एटीएम पर साइबर अटैक के 47 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इन घटनाओं के बाद जिला स्तर पर पुलिस टीम का गठन किया गया है लेकिन डीजीपी ने इस मामले को सोमवार को एसटीएफ के हवाले कर दिया है। इस सबंध में पुलिस मुख्यालय में बैठक बुलाई गई, जिसमें जल्द जल्द से इस पूरे प्रकरण का खुलासा करने के आदेश दिए गए। डीजीपी के आदेश के बाद जिले भरे के एटीएम की चेकिंग शुरू की गई, जिसके तहत नेहरू कालोनी थाना क्षेत्र राजीव नगर में लगे एसबीआई के एटीएम में स्किमर की वायर लगी मिली। एसएचओ नेहरू कालोनी राजेश साह ने बताया कि इस वायर को कब्जे में ले लिया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। एटीएम में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है। हालांकि अभी यह सामने नहीं आया है कि इस स्कीमर से कितने एटीएम स्कैन किए गए हैं और कितने की धोखाधड़ी सामने आई है।