देहरादून
उत्तराखंड में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण चिकित्सा उपचार में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार ने आधुनिक तकनीकी को विकल्प के तौर पर उपयोग में लिए जाने का निर्णय लिया है। इस क्रम में टेली रेडियोलॉजी पद्धति को शीघ्र ही राज्य के चिकित्सालयों में शुरू किया जाएगा। टेली रेडियोलॉजी के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात चिकित्सकों से इलाज करा रहे रोगियों की जांच और विशेषज्ञों की राय हासिल की जा सकेगी। राजकीय दून चिकित्सालय में टेली रेडियोग्राफी सिस्टम एक-दो दिन में शुरू हो जाएगा। अन्य 35 राजकीय चिकित्सालयों में यह प्रणाली आगामी दो- तीन सप्ताह में शुरू हो पाएगी।
भारत में यह पद्धति लागू कराने वाला उत्तराखंड पांचवा राज्य है। इससे पूर्व हरियाणा, असम, मेघालय और आन्ध्र प्रदेश में यह पद्धति काम कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में रेडियोलॉजिस्ट के 135 पद स्वीकृत हैं, जिसके सापेक्ष 33 ही कार्यरत हैं तथा रेडियोलॉजिस्ट की भर्ती में अत्यधिक कठिनाइयां आती हैं, क्योंकि रेडियोलॉजिस्ट की संख्या कम होने के साथ-साथ निजी क्षेत्र में रेडियोलॉजिस्ट को राजकीय क्षेत्र के सापेक्ष अच्छा पैकेज प्राप्त होता है। टेलीरेडियोलॉजी प्रणाली से रेडियोलॉजिस्ट की कमी दूर करने के साथ-साथ चिकित्सकीय परामर्श का एक सस्ता विकल्प प्रदान किया जा सकता है।
टेली रेडियोलॉजी सिस्टम की कार्य प्रणाली की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि इस प्रणाली के माध्यम से दूरस्थ चिकित्सा इकाई पर भर्ती मरीज का एक्स रे, सीटी तथा एमआरआई एक निर्धारित उच्च गुणवत्ता केन्द्र पर कराया जा सकता है। टेली रेडियोलॉजी से प्राप्त रिपोर्ट को विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से देख सकते हैं और अपनी राय तथा परामर्श दूरस्थ चिकित्सालय पर तैनात चिकित्सक को सरलता से बता सकते हैं। इस प्रकार उपचार लेने वाले मरीज को भी बिना रेडियोलॉजिस्ट से मिले हुए सम्पूर्ण जांच तथा परीक्षण की सूचना प्राप्त हो जाती हैं।
टेली रेडियोलॉजी पद्धति से मरीज का 30-40 मिनट के अन्तर्गत सम्पूर्ण परीक्षण किया जा सकता है तथा परीक्षण की रिपोर्ट भी संबंधित चिकित्सक तक पहुंचायी जा सकती है, जबकि सामान्य तौर पर एक मरीज के एक्स-रे, सीटी तथा एमआरआई आदि रेडियोलॉजी जांचों पर लगभग एक दिन से भी अधिक लगता है। मेडिकल कालेज चिकित्सालय हल्द्वानी में यह सुविधा पूर्व से ही संचालित हो रही है, जो नोएडा के वाइटल टेली रेडियोलॉजी संस्थान से संचालित हो रही है। इस फर्म से ही टेली रडियोलॉजी को प्रदेश के अन्य चिकित्सालयों में संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि राजकीय दून चिकित्सालय में टेली रेडियोग्राफी सिस्टम से विशेषज्ञ चिकित्सा उपचार की सुविधा एक-दो दिन में शुरू हो जाएगी। अन्य 35 राजकीय चिकित्सालयों में यह प्रणाली आगामी दो- तीन सप्ताह में शुरू हो पाएगी।