अब देशभर में सिर्फ एक टैक्स
नई दिल्ली
गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (जीएसटी) शुक्रवार मध्यरात्रि से पूरे भारत में लागू हो गया। रात 11 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रगान के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के लिए 15 साल पहले 2003 से ही प्रयास शुरू हुए थे, जिसकी सफलता आज मिली है। इसके लिए सभी दलों का सहयोग होगा। जीएसटी काउंसिल ने कहा- देश ने एक साथ मिलकर काम किया और समझदारी दिखाई। हम राज्यों के साथ मिलकर फैसले करेंगे।
राज्यों और केंद्र के अफसरों ने मिलकर सराहनीय काम किया। ये यात्रा 15 साल पहले शुरू हुई थी। विजय केलकर ने रिपोर्ट दी थी। यूपीए ने 2006 में कहा था कि 2010 में इसे लागू करेंगे। 2011 में इसके लिए संशोधन की बात हुई। स्टैंडिंग कमेटी ने कई सुझाव दिए थे। यशवंत सिन्हा इस कमेटी के चेयरमैन थे। कमेटी के फैसले का असर था कि केंद्र और राज्यों को साथ काम करने लिए मजबूर किया गया। जेटली ने कहा कि असीमदास गुप्ता ने मुझे इसके बारे में पहली शिक्षा दी थी। संसद और राज्यों ने सबकी सहमति से पास किया गया। जीएसटी काउंसिल की 18 बैठकें हुईं। किसी भी वक्त हमें कोई फैसला लेने के लिए वोटिंग नहीं करवानी पड़ी। 1211 कमोडिटीज पर टैक्स तय किए गए। आम और गरीब आदमी पर ज्यादा असर ना पड़े।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू करने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल से बढ़कर कोई जगह नहीं हो सकती क्योंकि यह हॉल आजादी का साक्षी रहा है। जीएसटी किसी एक सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि हम सबके प्रयासों का परिणाम है। जीएसटी ज्यादा सरल और ज्यादा पारदर्शी होगा। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। देश के गरीबों के लिए यह व्यवस्था सबसे कारगर होने वाली है। हमारी सभी सरकारों ने कोशिशें की हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। अब कच्चे बिल, पक्के बिल की समस्या खत्म हो जाएगी। मौजूदा टैक्स से ये सीखा गया कि किसी के ऊपर ज्यादा बोझ ना पड़े। 17 ट्रांजेक्शन टैक्स हैं। इन्हें खत्म कर अब सिर्फ एक टैक्स देना होगा।
चौथा मौका, जब आधी रात को खुला सेंट्रल हॉल
यह मौका इस मायने में भी ऐतिहासिक है क्योंकि इसे संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया। देश की आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका रहा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह हुआ। इसके पहले पिछले तीनों कार्यक्रम देश की आज़ादी से जुड़े हैं। इसके साथ ही कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। हालाकि विपक्षी पार्टियों के कुछ नेता सेंट्रल हॉल पहुंचे। शुक्रवार को दिनभर पूरे देशभर के कई राज्यों में व्यापारियों ने जीएसटी लागू करने के विरोध में शहर बंद रखे।
ऐसे ऐतिहासिक रहा कार्यक्रम
संसद के सेंट्रल हॉल में नए गलीचे (कारपेट) बिछाए गए हैं, और नया साउंड सिस्टम लगाया गया। कार्यक्रम रात्रि 11 बजे शुरू हुआ और ठीक मध्यरात्रि के समय घंटा बजाकर जीएसटी के लागू करने की घोषणा कर दी गई। सेंट्रल हॉल के मुख्य मंच पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन तथा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी रहे। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे।
कांग्रेस, वामदल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पार्टी तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) जैसे विपक्षी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) नेता तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएसटी का समर्थन किया है, लेकिन वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये।
जीएसटी भी बिना तैयारी लागू कर दिया : राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन अपना प्रचार करने के लिए इसे आधे अधूरे स्वरूप में जल्दबाजी में लागू किया गया। नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को एक अक्षम और असंवेदनशील सरकार ने संस्थागत तैयारी के बगैर लागू किया गया। भारत में ऐसे जीएसटी को लाए जाने की जरूरत है जो करोड़ों नागरिकों, छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों को इतनी चिंता में नहीं डालें।