Ancestral Home: भारत की एक 90 साल की महिला अपने पुश्तैनी घर का दौरा करने के लिए पाकिस्तान के रावलपिंडी में जब लाहौर में दाखिल हुई तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। दरअसल बुजुर्ग महिला 75 साल से अपने पुश्तैनी घर को देखने का सपना अपनी आंखों में बसाए घूम रहीं थी।
बुजूर्ग महिला का 75 साल पुराना सपना पूरा होने जा रहा है। बुजूर्ग महिला का नाम रीना है और रीना ने बताया कि मेरे और मेरे भाई बहनों के दोस्त थे जो अलग-अलग समुदाय के थे।
Ancestral Home: बटवारें के वक्त ये थी उम्र
बंटवारे के बाद हमारा परिवार भारत आ गया. उन्होंने बताया बंटवारे के वक्त उनकी उम्र 15 साल थी। तकरीबन 75 साल बाद भी वह अपने पुश्तैनी घर, गली, और दोस्तों की यादों को भुला नहीं पाई. उनके मन में सालों से ये हसरत थी, जो कि अब जाकर पूरी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त रीना वर्मा अपने परिवार के साथ रावलपिंडी के देवी कॉलेज रोड पर रहती थी। फिलहाल रीना पुणे में रह रही हैं।
रीना का कहना है कि मेरी पढ़ाई मॉडर्न स्कूल से हुई। मेरे चार भाई-बहन भी इसी स्कूल में पढ़ते थे। रीना वर्मा ने बताया कि उन्होंने 1965 में पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन वीजा नहीं मिल पाया था। क्योंकि उन दिनों युद्ध के हालात बने हुए थे।
सोशियल मीडिया पर लगाई घर देखने की गुहार
इसके बाद रीना ने पिछले साल सोशल मीडिया पर अपने पुश्तैनी घर जाने की इच्छा जाहिर की थी। फिर पाकिस्तानी नागरिक सज्जाद हैदर ने सोशल मीडिया पर उनसे संपर्क किया और रावलपिंडी में उसके घर की तस्वीरें भेजीं।
रीना का कहना है कि हाल ही में उन्होंने फिर से पाकिस्तानी वीजा का आवेदन किया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था, इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार को संपर्क किया और उन्हें अपनी इच्छा जाहिर करते हुए टैग किया।
हिना रब्बानी खार ने रीना का दर्द समझा और पाकिस्तानी वीजा की व्यवस्था कराई। रीना ने बताया बंटवारे के बाद बीते सालों में उन्होंने अपने पैतर्क घर जाने की इच्छा हुई, लेकिन वह अब जाकर पूरी हुई है।
दरअसल भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने सद्भावना के तौर पर रीना वर्मा को तीन महीने का वीजा जारी किया है।