लंदन
एक शोध में खुलासा हुआ है कि रात के समय काम करना स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि रात की सप्रियता सामान्य जैविक प्रक्रिया को बुरी तरह प्रभावित करता है, जो लिवर के लिए बेहद हानिकारक है। शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग कर पाया कि लिवर का आकार रात में बढ़ता है और वह खुद को ज्यादा खुराक के लिए तैयार करता है, लेकिन उसे समय पर उतनी खुराक नहीं मिल पाती। शोधकर्ताओं ने बताया है कि जब सामान्य जैविक प्रक्रिया की लय उलट जाती है, तो लिवर के घटने-बढ़ने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि व्यावसायिक बाधाओं या निजी आदतों के चलते हमारी जैविक घड़ी यानी बायोलॉजिकल क्लॉक और दिनचर्या बिगड़ने का सीधा असर लिवर के स्वास्थ्य पर पड़ता है। प्रयोग के दौरान अध्ययनकर्ताओं ने चूहों को रात में चारा दिया, जबकि दिन में आराम करने दिया गया। जिनेवा यूनिवर्सिटी के शोध प्रमुख फ्लोर सिंटूरल ने बताया कि हमने पाया कि रात में सक्रियता की अवधि यानी एक्टिव फेज़ के दौरान लिवर 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ता है। दिन के दौरान यह शुरुआती आकार में वापस आ जाता है। बायोलॉजिकल क्लॉक में बदलाव से यह प्रक्रिया प्रभावित होती है।