पर्यावरण की साफ सफाई में अफ्रीकी देशों से काफी पीछे है भारत
जोहांसबर्ग
पर्यावरण को साफ रखने में भारत, अफ्रीकी देश मोजांबीक से काफी पीछे हैं। ब्रिटेन के मनी सुपरमार्केट के एक अध्ययन में पर्यावरण को साफ रखने के मामले में भारत को 75वां स्थान मिला है, जबकि दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक मोजांबिक इस सूची में सबसे ऊपर है।
इस अध्ययन में जलवायु परिवर्तन में अलग-अलग देशों की भूमिका का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में उन क्षेत्रों पर भी रोशनी डाली गई है, जिसमें प्रत्येक देश को सुधार करने की जरूरत है। स्वच्छ माहौल बनाए रखने के मामले में मोजांबिक के टॉप होने की वजह वहां के लोगों की ऊर्जा के हरित संसाधनों का अधिकतम निर्भरता है। दूसरी ओर भारत की ऊर्जा जरूरतों में नवीकरणीय ऊर्जा का केवल 15.2 फीसदी इस्तेमाल होता है। यहां सिर्फ 2.2 फीसदी अपशिष्ट जल को शोधित किया जाता है और रोजाना प्रति व्यक्ति 0.34 किलो ग्राम कचरा पैदा होता है।
अध्ययन में ऊर्जा का इस्तेमाल, वायु प्रदूषण, कचरा उत्सर्जन और गैर नवीकरणीय ऊर्जा पर आत्मनिर्भरता आदि के लिहाज से रैंकिंग तय की गई है। इस अध्ययन से पर्यावरण को गंदा करने में अहम भूमिका निभाने वाले देशों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले हैं। अफ्रीका के चार अन्य देश-इथोपिया, जांबिया, केन्या और घाना पर्यावरण को कम प्रदूषित करने वाले टॉप सात देशों में शामिल हैं। महादेश के तौर पर अफ्रीका इस सूची में सबसे ऊपर है। अफ्रीका के शीर्ष पर होने के कई कारण हें। यहां हरित ऊर्जा संसाधनों का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसके अलावा सीओ-2 का बहुत कम उत्सर्जन होता है और वायु प्रदूषण एवं कचरा उत्सर्जन भी कम होता है। मोजांबिक के सबसे बड़े पड़ोसी दक्षिण अफ्रीका का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं है। इस सूची में द. अफ्रीका 95 स्थान पर आया है। त्रिनिदाद और टोबैगो का प्रदर्शन भी संतोषजनक नहीं है। क्योंकि यहां सीओ-2 का औसत उत्सर्जन प्रति व्यक्ति 37.1 टन है।