उत्तराखंड विधानसभाः आरटीई में दाखिला न देने वाले स्कूल पर एफआईआर
देहरादून
उत्तराखंड विधानसभा के प्रश्नकाल में सरकार ने सदन को बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को दाखिला नहीं देने वाले एक स्कूल के खिलाफ एफआईआर कराई गई है। सरकार का कहना है कि राज्य में श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।
विधायक देशराज कर्णवाल के सवाल पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सदन को बताया कि आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत राज्य के निजी स्कूलों में 1,07,455 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। अल्पसंख्यक की श्रेणी में आने वाले राज्य 73 स्कूलों पर यह एक्ट लागू नहीं होता है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में हरिद्वार के ज्वालापुर में स्थित विजडम ग्लोबल पब्लिक स्कूल ने इस एक्ट के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को आज तक प्रवेश नहीं दिया है। इस स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर करा दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी स्कूलों में इस एक्ट के तहत प्रवेश दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के सवाल पर श्रम मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सही है कि इस राज्य में न्यूनतम मजदूरी दिल्ली राज्य से कम है। मजदूरी तय करने के लिए बोर्ड बना है और हर पांच साल में इसकी सिफारिश सरकार को मिलती है। अब 2018 में इस बोर्ड की सिफारिशें आएंगी। पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए श्रम मंत्री ने सदन से कहा कि सरकार इस बात का परीक्षण कराएगी कि तत्काल ही मजदूरी बढ़ाने पर क्या किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि मजदूरों के हितों के साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि राज्य में औद्योगिक माहौल खराब न हो।
विधायक प्रीतम पंवार के सवाल पर समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य़ ने कहा कि छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा रोकने के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं। पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए आर्य़ ने कहा कि शेष आवेदन पत्रों की गहन जांच के बाद पात्र बच्चों को छात्रवृत्ति का वितरण सुनिश्चत किया जाएगा। मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति घोटाले की उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल पर खेल मंत्री ने सदन को बताया कि ग्रामीण अंचलों पर अब और नए मिनी स्टेडियम बनाने की कोई योजना नहीं है। पहले से बनी अवस्थापना सुविधाओं को ही दुरुस्त करके खेल प्रतिभाओं को निखारा जाएगा।
विधायक महेंद्र भट्ट के सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि स्व वित्त पोषित बीएड पाठ्यक्रमों वित्त पोषित करने की कोई योजना नहीं है। एक सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि एससी और एसएटी छात्रों को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उन्हें कोचिंग देने की तैयारी कर ली गई है। एक सवाल पर शिक्षा मंत्री ने माना कि 2012 से सर्व शिक्षा के विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय खोलने पर विचार किया जा रहा है।