देश में सेकेंड वेव जैसी स्थिति बनने की संभावना कम, डॉ. गुलेरिया ने दी राहत | Nation One
कोविड-19 की तीसरी लहर कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। इसी बीच एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की सेकेंड वेव जैसी वेव आने की उम्मीद कम जताई है।
सोशल मीडिया पर आयोजित एक परिचर्चा में गुलेरिया ने यह बात कही। यह परिचर्चा डॉ आरती विज के साथ इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर दिन शुक्रवार को हुई।
हालांकि डॉ. गुलेरिया ने यह भी कहा है कि महामारी की आने वाली लहर का कंट्रोल कोविड के प्रति लोगों के व्यवहार पर निर्भर करता है। लोग संक्रमण को लेकर जिस तरह का व्यवहार करेंगे वैसा ही प्रभाव देखने को मिलेगा।
खास बात तो यह है कि डॉ. गुलेरिया ने चर्चा की शुरुआत में ही कहा अब हम ज्यादा बेहतर स्थिति का सामना कर रहे हैं। पिछले सर्ज से यदि इस सर्ज की तुलना की जाए तो स्थिति काफी कंट्रोल में है।
साथ ही डॉक्टर ने यह भी संभावना जताई है कि सेकेंड वेव यानि डेल्टा वेरिएंट की तरह भविष्य में सर्ज आने की संभावना काफी कम है। अपनी इस परिचर्चा में उन्होंने केंद्र सरकार की तारीफ की और कहा कि सरकार ने शुरुआत से ही इस पर काफी अच्छी पहल करके ये संभव किया है।
समय पर लॉकडाउन का लगना, केविड को लेकर लोगों को जागरूक करना और जनता कर्फ्यू जैसे अनेक कार्यक्रम के कारण ही अपने देश के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में स्थिति बेहतर हो पाई है।
वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर भी डॉ. गुलेरिया ने कई बातें कहीं। 2009 में जब H1N1 आया तो मिडिया का हमसे यही सवाल था कि अपनी वैक्सीन क्यों नहीं है? जबकि आज स्थिति काफी अलग और बेहतर है।
हमारे पास न केवल अपनी वैक्सीन मौजूद है बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा वैक्सीन देश में बनना शुरू भी हो गई हैं। इससे अलग दुनिया में पहली बार प्लाज्मा डीएनए वैक्सीन अपने देश में बन रहा है। mRNA vaccine technology और प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन वाला वैक्सीन भी हमारे देश में मौजूद है।