PM मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर BJP कार्यकर्ताओं ने CM चन्नी का फूंका पुतला | Nation One
रिपोर्ट : एल एन सिंह, प्रयागराज
प्रयागराज के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पार्टी कार्यालय के सामने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा पंजाब में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्लीट के सुरक्षा में सेंध को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का पुतला फूंका गया और पंजाब सरकार व कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की गई।
मामला प्रयागराज के कोतवाली थाना क्षेत्र के जीरो रोड बस स्टैंड के सामने स्थित कांग्रेस कार्यालय के सामने का है, जहां पर भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा महानगर अध्यक्ष पप्पू पांडे रोहित द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब कार्यक्रम के दौरान फ्लीट की सुरक्षा में हुए चूक व पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कथन के खिलाफ जिसमें उन्होंने यह कहा था कि 70,000 कुर्सियों में सिर्फ 700 लोग पहुंचे थे इस वजह से प्रधानमंत्री के लोगों द्वारा यह नाटक रचा गया है, के खिलाफ उनका पुतला दहन किया।
उन्होंने पुतला दहन करते हुए कांग्रेस पार्टी व पंजाब सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इस बात को कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो केवल किसी एक दल के नहीं बल्कि पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, उनकी सुरक्षा में कोई चूक किया जाए।
ना ही वह इस बात को स्वीकार कर पाएंगे कि जिस तरीके से कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रदेश सरकार के गुंडों की सहायता से प्रधानमंत्री की सुरक्षा में किसी प्रकार की कोताही बरतते हुए उनके फ्लीट के सामने किए गए प्रदर्शन एवं उनके फ्लीट को रोकने जाने का काम किया गया है।
वह सरासर देश की सुरक्षा एवं प्रधानमंत्री की अस्मिता के खिलाफ है और इस तरीके से अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हो रही है तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को लिखते हुए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
गौरतलब है कि फीरोजपुर में हो रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में जाते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फीट के सामने लोगों द्वारा काले झंडे दिखाते हुए प्रदर्शन किया गया जिसकी वजह से करीब 15 मिनट तक प्रधानमंत्री का कारवां रोका गया और इसको लेकर प्रधानमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के बड़े पदाधिकारियों ने रोष व्यक्त किया।
इस सुरक्षा में चूक को लेकर फिरोज़पुर के पुलिस अधीक्षक तक को निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरण सिंह उर्फ चन्नी ने एक प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि 70000 की सीटों पर सिर्फ 700 लोग पहुंचे जिसको लेकर प्रधानमंत्री भड़क गए।
अब पंजाब के लोग प्रधानमंत्री को नहीं सुनना चाहते इस पर राज्य सरकार क्या कर सकती है, लेकिन चुकी मामला प्रधानमंत्री की सुरक्षा का है, इसलिए इस पर राज्य स्तरीय जांच कमेटी गठित होगी और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।
इस पूरे विवाद के चलते कुछ प्रश्न जिनका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है काफी संदेहास्पद है जहां एक और यह सब देखा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के काफिले के ठीक सामने बस ट्रैक्टर और टेंपो द्वारा सड़क को अवरुद्ध किया गया था तो क्या इसकी सूचना फीट के एसपीजी के अधिकारियों को नहीं थी?
प्रधानमंत्री के काफिले के निकलने के ठीक पहले 8 किलोमीटर का रास्ता पूरी तरीके से सुरक्षित कर लिया जाता है और अगर 8 किलोमीटर पहले किसी प्रकार का कोई अवरोध आ जाता है तो तुरंत एसपीजी अधिकारियों को सूचित किया जाता है।
एसपी जी द्वारा प्रधानमंत्री को किसी अन्य सुरक्षित मार्ग से निकालने की व्यवस्था तुरंत कर ली जाती है या फिर एसपीजी द्वारा प्रधानमंत्री के काफिले को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है ताकि अवरोध हटने के बाद प्रधानमंत्री को सुरक्षित ले जाए जा सके ऐसा क्यों नहीं किया गया?
ऐसी क्या घटना हो गई या ऐसा क्या हुआ कि प्रधानमंत्री को उसी मार्ग से ले जाया गया जहां पर अवरोध था? पंजाब सरकार की माने तो ऐसा क्यों हुआ कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर उन्हें सूचना नहीं दी गई और अगर सूचना दी गई थी तो प्रोटोकॉल के तहत मुख्यमंत्री स्वयं प्रधानमंत्री की अगवानी करता है तो चन्नी सभा स्थल पर क्यों नहीं पहुंचे?
इसके अलावा भी कई अन्य विषय हैं जिन पर काफी सोच विचार की जरूरत है क्योंकि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम कोई छोटा मोटा कार्यक्रम नहीं होता और जबकि दो अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम है तो पंजाब सरकार को क्यों शामिल नहीं किया गया इसका जवाब अभी तक पीएमओ ने क्यों नहीं दिया?