साठ साल से ऊपर वालों को कोरोना की तीसरी डोज में राहत, पढ़ें पूरी खबर | Nation One
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की प्रीकॉशन डोज के तौर पर तीसरी डोज के लिए वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी है। नए नियमों में कहा गया है कि बुजुर्गों को प्रीकॉशनरी डोज के लिए डॉक्टर का सर्टिफिकेट या प्रस्क्रिप्शन नहीं दिखाना होगा।
केंद्र सरकार ने 10 जनवरी से प्रीकॉशन डोज के अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। उसमें गंभीर बीमारियों से ग्रसित वरिष्ठ नागरिकों को प्रीकॉशन डोज का विकल्प दिया गया था। इसके लिए पहले कहा जा रहा था कि डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट या सलाह जरूरी होगी।
केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि चुनावी राज्यों में निर्वाचन कार्यों में लगे लोगों को भी फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह माना जाएगा। ऐसे में ये लोग भी अगर तय शर्तों के तहत आते हैं तो कोविड वैक्सीन की तीसरी डोज ले सकते हैं।
सरकार तीन जनवरी से 15 से 18 साल के किशारों के टीकाकरण का कार्यक्रम भी शुरू कर रही है। इस वर्ग में 7 से 8 करोड़ के करीब किशोर आते हैं।
मेडिकल सर्टिफिकेट में यह दिखाना होता है कि वे हाई रिस्क कैटेगरी यानी जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं। फिलहाल मेडिकल प्रोफेशनल, फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर और गंभीर बीमारियों के शिकार वरिष्ठ नागरिक प्रीकॉशन डोज के पात्र हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को इस ऐहतियाती खुराक का ऐलान किया था।
दरअसल, लंबे समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञ ये कह रहे थे कि जिन हेल्थकेयर या फ्रंटलाइन वर्कर्स ने पिछले साल 16 जनवरी को शुरुआती दौर में कोविड वैक्सीन ली थी और उनकी कोरोना वायरस के प्रति इम्यूनिटी घटने की संभावना है, उन्हें तीसरी डोज दी जानी चाहिए।
अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों ने वरिष्ठ नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों को बूस्टर डोज दी जा रही हैं। भारत समेत दुनिया में ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच ये कवायद शुरू की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुजुर्गों को सिर्फ तीसरी डोज लेने के पहले सिर्फ अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा।
वहीं किशोर कोविड वैक्सीनेशन के लिए सीधे सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं या फिर CoWIN से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।