कायस्थों को विशेष जिम्मेदारी देने की जरुरत, जानिए दिल्ली के CM केजरीवाल ने ऐसा क्यों कहा | Nation One
नई दिल्ली : आजादी की लड़ाई से लेकर देश के निर्माण तक कायस्थ समाज का बड़ा योगदान रहा है। हम नेपोलियन नहीं हैं। हमें एक के बाद एक राज्य नहीं जीतने, हमें राष्ट्र निर्माण करना है। अगर हम दिल्ली के सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प कर सकते हैं तो ये काम पूरे देश में भी हो सकता है। इसके लिए पूरे देश में आंदोलन होना चाहिए, मैं कायस्थ समाज से इस आंदोलन में शामिल होने का आव्हान करता हूं। ये बातें तालकटोरा स्टेडियम में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) द्वारा रविवार को आयोजित विश्व कायस्थ महासम्मेलन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहीं। वह बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उद्घाटन सत्र में यह आह्वान करते हुए कायस्थ समाज से राजनीतिक हिस्सेदारी, राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षा के आंदोलन से जुडऩे की अपील की। केजरीवाल ने आगे कहा कि कायस्थ एक बुद्धिजीवी वर्ग है, जिनका पहले भी राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है। आजादी की लड़ाई में भी कायस्थ समाज ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। जीकेसी के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि न तो हम किसी के साथ हैं, न किसी के खिलाफ हैं। जो हमारे साथ है हम उसी के साथ हैं।
कार्यक्रम में कई लोगों ने की शिरकत
वहीं, सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कायस्थ समाज की विशिष्टताओं को किसी को बताने की जरूरत नहीं है, बल्कि उसे भरपूर आदर सम्मान देने की जरूरत है। कार्यक्रम को फिल्म अभिनेता व पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, संजय निरूपम, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, फिल्म अभिनेता अंजन श्रीवास्तव, शेखर सुमन, स्वामी चक्रपाणि ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से आए कायस्थ समाज के लोग, जीकेसी दिल्ली प्रदेश मीडिया सेल के अध्यक्ष प्रजेश शंकर सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।