लखीमपुर खीरी हिंसा के वक्त गोलियां चलने की हुई पुष्टि, FSL रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा | Nation One
पुलिस ने घटना के बाद जिस पेट्रोल पंप और राइस मिल के CCTV कैमरों की फुटेज को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा था, उसकी रिपोर्ट भी SIT को मिल चुकी है।
रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि फुटेज ओरिजिनल है और उनसे किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। इन फुटेज में किसानों को कुचलने वाली थार जीप के पीछे फार्च्यूनर और एक अन्य गाड़ी जाती दिख रही है।
गाड़ियों की रफ्तार से अंदाजा लग रहा कि ड्राइवर बेहद गुस्से में है। लेकिन कैमरा गाड़ियों के दाई तरफ होने से यह नहीं पता लगा पाया कि ड्राइवर के बगल वाली सीट पर कौन बैठा है?
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में घटनास्थल से लिए गए खून के सैंपल की रिपोर्ट भी आ चुकी है। सीरोलॉजी रिपोर्ट में मौके पर पड़ा खून मानव शरीर का होने की पुष्टि हुई है।
अब पब्लिक के मोबाइल फोन से मिले वीडियो की रिपोर्ट आनी बाकी है। 12 नवंबर को कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई है। ऐसे में जब्त किए गए 8 मोबाइल की रिपोर्ट भी जल्द आ सकती है।
अंकित दास और लतीफ ने SIT के सामने ही जान बचाने के लिए फायरिंग की बात स्वीकार की थी। अंकित ने पूछताछ में बताया था कि बनवीरपुर जाते वक्त सड़क पर किसानों का हुजूम दिखा था। जिसकी जानकारी आशीष को दी थी।
वहां से मंत्री की अगुवाई के लिए गया था। लौटते वक्त थार के पीछे मैं काली फॉर्च्यूनर में था। थार हरिओम और मेरी गाड़ी शेखर चला रहा था।
दुर्घटना के बाद पथराव व फायरिंग होने पर हम लोग भी जान बचाकर फायरिंग करते हुए भागे। नहीं करते तो मौके पर ही मार दिए जाते। आगजनी में असलहा के लाइसेंस भी जल गए।
घटना के बाद भाग कर निघासन थाने पहुंचे। जहां विवाद की सूचना दी। काफी देर बाद वहां से निकलकर लखनऊ घर आए। जहां से होटल और फिर नेपाल भाग गए थे।
3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था।
इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी और हिंसा भड़क गई थी। आरोप है कि हिंसा के दौरान किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इसमें एक पत्रकार भी मारा गया था।
लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था। आशीष, अंकित और लतीफ समेत 13 से अधिक आरोपी जेल में बन्द हैं।