आतंकवाद की तरह ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने की तैयारी : गृह मंत्रालय | Nation One
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय आतंकवाद की तरह से ड्रग्स तस्करी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की प्रणाली तैयार करने की कोशिश में जुट गया है।
आतंकवाद के निपटने के लिए तैयार मल्टी एजेंसी सेंटर (मैक) की तर्ज पर ड्रग्स तस्करी के मामले से निपटने के लिए नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर बनाया गया है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और निगरानी प्रणाली ड्रग्स तस्करी का पता लगाने में कारगर साबित हो रही है। इसकी मदद से आतंकी गतिविधियों की तरह ड्रग्स तस्करी पर भी नकेल कसने में कामयाबी मिलेगी।
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक वैसे तो एनकोर्ड का गठन 2016 में ही कर दिया गया था लेकिन 2019 में इसका विस्तार जिला स्तर तक किया गया।
इसके तहत जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स तस्करी के हर मामले में एजेंसियों के बीच सूचना का रियल टाइम आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जाता है।
इस कारण एक जिले में मिली सूचना के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।
अधिकारी ने कहा कि कोरोना के कारण 2020 और 2021 के शुरुआती छह महीने में एनकोर्ड के काम में कुछ व्यवधान जरूर आए लेकिन अब यह पूरी तरह काम करने लगा है और पूरे देश में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की बरामदगी को इसकी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके पहले ड्रग्स तस्करी से निपटने की जिम्मेदारी सिर्फ नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की थी लेकिन यह अधिकार डीआरआइ, बीएसएफ, एसएसबी, कोस्ट गार्ड, आरपीएफ और एनआइए को भी दे दिया गया है।
इनके बीच समन्वय के लिए 2019 में एक कमेटी का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष एनसीबी के महानिदेशक को बनाया गया है।