Kumbh Covid Test Scam: कुंभ फर्जीवाड़ा मामले में हाईकोर्ट ने खारिज किया सरकार का प्रार्थना पत्र | Nation One
हरिद्वार में हुए कुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़ें में एक बड़ी खबर सामने आई हैं। उच्च न्यायालय ने हरिद्वार में कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े के आरोपित मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मलिका पंत की याचिकाओं पर सुनवाई की।
गुरुवार को सरकार की तरफ से एक प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया गया कि पूर्व के आदेश को रिकॉल किया जाय या वापस लिया जाय। सरकार का कहना था कि जांच में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ गंभीर साक्ष्य मिले है। पुलिस ने इन गंभीर साक्ष्यों के आधार पर इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 467 बढ़ा दी है। जिसमें सजा 7 साल से अधिक है।
अब अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्यी का निर्णय इन पर लागू नही होता है। कोर्ट ने सरकार के प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए जांच अधिकारी को अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्यर 2014 में पारित दिशानिर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ में शरद पंत व मल्लिका पंत ने याचिका दायर कर कहा था कि वह मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज के सर्विस प्रोवाइडर है। परीक्षण और डाटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। यह काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था।
इन अधिकारियों की मौजूदगी में ही परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दे दी। अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले की पूरी अवधि के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे। सीएमओ हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्टिंग की गई।
एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि टेस्टिंग कराने वाली लैबों द्वारा उनकी आइडी व फोन का उपयोग किया गया है, जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैंपल नही दिया गया।
कोर्ट ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अरनेश कुमार बनाम विहार राच्य के आधार पर इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। निर्णय में यह प्रविधान है कि सात साल से कम सजा वाले केसों में गिरफ्तारी नहीं होगी। साथ ही जांच में सहयोग करने के दिशा निर्देश दिए गए थे। इन्ही दिशा निर्देशो के आधार पर कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक व जांच में सहयोग करने को कहा था।
कोर्ट के आदेश पर हुई थी टेस्टिंग
हाई कोर्ट के आदेश के बाद कुम्भ में 50 हजार टेस्ट रोजाना करने थे, जिसके बाद मेला प्रबंधन ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज को कोरोना टेस्ट का ठेका दिया था, लेकिन इसमें गड़बड़ी तब खुली, जब हरियाणा में किसी व्यक्ति के मोबाइल पर बिना कोरोना जांच के मैसेज आया। आनन फानन में सीएमओ हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 17 जून को मुकदमा दर्ज किया।